भोपाल (तेज समाचार डेस्क). कोरोना वायरस के बाद अब देश में बर्ड फ्लू का प्रकोप शुरू हो गया है. मध्य प्रदेश में बर्ड फ्लू की दस्तक से खतरा बढ़ गया है. सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक प्रदेश में अब तक लगभग 400 कौओं की मृत्यु हो चुकी है. हालांकि पशुपालन विभाग द्वारा कहा जा रहा है कि चिकन तथा अण्डों आदि को अच्छी तरह पकाकर उपयोग किया जा सकता है. इनसे मानव स्वास्थ्य को किसी प्रकार का खतरा नहीं है. सभी जिलों को भारत सरकार की एडवाइजरी के अनुसार कार्यवाही करने और सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं.
– रोकथाम के प्रयास जारी
बताया गया कि प्रदेश के इंदौर, मंदसौर और आगर जिलों में कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है, जबकि उज्जैन, सीहोर, देवास, गुना, शाजापुर, खरगोन और नीमच जिलों में कौओं की मृत्यु होने पर सैम्पल एकत्र कर रोकथाम की कार्यवाही की गई है. इन जिलों से सैम्पल भारतीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला, भोपाल भेजे जाकर रोग पुष्टि की प्रतीक्षा की जा रही है.
– मुर्गियों में नहीं मिला वायरस
संचालक पशुपालन के अनुसार मुर्गियों में बर्ड फ्लू वायरस H5N8 अभी तक नहीं पाया गया है. चिकन तथा अण्डों आदि को अच्छी तरह पकाकर उपयोग किया जा सकता है. इनसे मानव स्वास्थ्य को किसी प्रकार का खतरा नहीं है. प्रदेश में बर्ड फ्लू की स्थिति से भारत सरकार को प्रतिदिन अवगत कराया जा रहा है. पशुपालन विभाग द्वारा बर्ड फ्लू वाले जिलों में कलेक्टर्स के मार्गदर्शन में पशुपालन, वन, स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय निकायों के समन्वित प्रयासों से तत्काल रोग नियंत्रण, सैम्पल एकत्रीकरण, डिसइन्फेक्शन, डिस्पोजल आदि की कार्यवाही की गई है. सभी जिलों को भारत सरकार की एडवाइजरी के अनुसार कार्यवाही करने और सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं.
– कुक्कुट पालकों को दी जा रही जानकारी
राज्य पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल के माध्यम से जिलों से समन्वय कर तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है. संदिग्ध नमूने भोपाल स्थित भारतीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला (NISHAD) को नियमित भेजे जा रहे हैं. पशुपालन विभाग द्वारा जन-जागरूकता के लिये कुक्कुट-पालकों और संबंधित व्यवसाईयों के बर्ड फ्लू से बचाव के लिये आवश्यक जानकारी दी जा रही है.
– जनजागृति पर अधिक जोर
प्रदेश के सभी जिलों में पशुपालन विभाग के अमले द्वारा जन-जागरूकता के साथ पूर्ण सतर्कता और सावधानी रखी जा रही है. कौओं, मुर्गियों अथवा अन्य पक्षियों में बीमारी या अप्राकृतिक मृत्यु की सूचना मिलते ही तत्काल सैम्पल भोपाल लैब भेजे जा रहे हैं. संक्रमित स्थान को स्थानीय निकाय के सहयोग से तुरंत सेनेटाइज किया जा रहा है.