शिमला. जब रक्षक ही भक्षक बन जाए, तो लोग किससे गुहार लगाएंगे, किससे मदद की उम्मीद करेंगे. शिमला के कोटखाई में हुए छात्रा से सामूहिम बलात्कार मामले में आई, डीएसपी सहित 8 पुलिसवालों को गिरफ्तार किया गया है.
ज्ञात हो कि सीबीआई ने कोटखाई सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड मामले में पुलिस की जांच पर सवाल उठाए थे और कोर्ट में अपनी स्टेट्स रिपोर्ट में पुलिस जांच पर आरोप लिखित में दिए थे. कोर्ट ने पुलिस व सीबीआई से जांच को लेकर एफिडेफिट मांगा था. सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट दिल्ली हेड क्वाटर्र को भेजी थी, इसी आधार पर सीबीआई ने बीते सप्ताह पूछताछ के लिए डीएसपी और एएसआई को दिल्ली बुलाया था.
सीबीआई ने इसी जांच को आगे बढ़ाते हुए मंगलवार सुबह पुलिस एसआईटी को पूछताछ के लिए शिमला सीबीआई ऑफिस बुलाया था और देर शाम तक पूछताछ करने के बाद आईजी समते 8 पुलिस कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इसमें एसआईटी प्रमुख आईजी जहूर जैदी, एसआईटी सदस्य एएसपी भजन देव नेगी, डीएसपी रतन सिंह नेगी, डीएसपी ठियोग मनोज जोशी, सब इंस्पेक्टर धर्मसेन नेगी, एएसआई राजीव कुमार, पुलिस स्टेशन कोटखाई के पूर्व एसएचओ राजिंद्र सिंह और एएसआई दीप सिंह का नाम शामिल हैं.
सीबीआई ने एसआईटी को जिला अदालत में पेश किया, जहां से कोर्ट ने सभी को 4 सितंबर तक सीबीआई रिमांड पर भेज दिया. सीबीआई के प्रवक्ता आर.के. गौड का कहना है कि कोटखाई प्रकरण में गिरफ्तार आरोपी नेपाली सूरज की पुलिस लॉकअप में हत्या के मामले में पुलिस के आईजी व डीएसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है .
दूसरी ओर, सीबीआई एक संदिग्ध को मंगलवार को आईजीएमसी अस्पताल लाई जहां पर उसका मेडिकल करवाया गया है. जानकारी मिली है कि इस मामले में अभी तक 23 संदिग्धों के सैंपल लिए गए हैं. जिनको जांच के लिए फॉरेंसिक लैब में भेजा गया है. अगर इन सैंपल का मिलान होता है तो सीबीआई छात्रा के असल कातिलों तक पहुंच सकती है. आपको बता दें कि सीबीआई ने पकड़े गए आरोपियों के नार्को टेस्ट कराने की मांग भी की थी जिसपर 30 अगस्त को लोअर कोर्ट में फैसला आएगा.