चंडीगढ़ ( तेज़ समाचार प्रतिनिधि ) – पर्यावरण विभाग के अधीन आने वाले लैंड यूज बोर्ड के ओएसडी बने आईएएस अफसर प्रदीप कासनी को इन दिनों सरकारों की नाराज़गी झेलनी पद रही है. कासनी को उनकी रिटायरमेंट से मात्र तीन माह पहले वेतन, कार्यालय, गाड़ी और स्टाफ नहीं देने का मामला सामने आया है.
लैंड यूज बोर्ड का ओएसडी बने कासनी को तीन माह बीत गए, मगर उन्हें एक बार भी वेतन नहीं मिला है. विशेष बात यह है कि पर्यावरण विभाग के सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) के आदेश के बाद भी हरियाणा सरकार ने प्रदीप कासनी का वेतन जारी नहीं किया गया है. कैट ने सरकार से वेतन के अलावा कार्यालय, गाड़ी और स्टाफ की सुविधाएं मुहैया कराने पर भी चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.
वर्ष 1997 बैच के आईएएस अफसर प्रदीप कासनी पहले एचसीएस थे. प्रदीप कासनी का रिटायरमेंट 28 फरवरी 2018 को है. लैंड यूज बोर्ड का ओएसडी बनने से पहले वे हरियाणा खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में प्रशासक बनाए गए थे. उनकी पत्नी नीलम प्रदीप कासनी भी सीनियर आईएएस रही हैं और राज्यपाल के एडीसी पद से हाल ही में रिटायर हुई हैं. मूल रूप से भिवानी जिले के रहने वाले प्रदीप कासनी और उनकी पत्नी नीलम व प्रदीप कासनी दोनों ही साहित्यकार हैं.
इससे पहले हरियाणा के एक अन्य आईएएस अफसर अशोक खेमका पीछे भी सरकार हाथ धोकर पड़ी हुई हैं. अशोक खेमका का जहां 50 बार तबादला हो चुका है , वहीं प्रदीप कासनी 70 बार तबादले झेल चुके हैं.
इस सारे व्यवहार से खफा प्रदीप कासनी शुक्रवार तक वेतन सुविधाओं का इंतजार करेंगे. उसके बाद शनिवार और रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को वह फिर कैट में शिकायत दर्ज कराएंगे.