- पुणे मनपा स्थायी को भी मंजूर नहीं टैक्स माफी
- मनपा प्रशासन की राय से जताई सहमति
- शिवसेना को झटका
पुणे (तेज समाचार डेस्क). मुंबई महापालिका की तर्ज पर शहर में 700 वर्ग फीट तक का क्षेत्रवाले सभी घरों को टैक्स में माफी दी जाए, ऐसा प्रस्ताव शिवसेना के नगरसेवकों द्वारा स्थायी समिति के समक्ष रखा गया था. इस प्रस्ताव की गेंद स्थायी समिति ने प्रशासन के पाले में डाली थी. हाल ही में प्रशासन ने इस पर अपनी राय दी है. प्रशासन का कहना है कि शहर में इस तरह से टैक्स माफी नहीं दी जा सकती. कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. साथ ही इससे महापालिका पर वित्तिय संकट आएगा. इस वजह से ऐसा नहीं किया जा सकता. प्रशासन की यह राय स्थायी समिति को भी मंजूर है. यानी अब ऐसे घरों को टैक्स माफ नहीं किया जा सकता, ऐसा तय हुआ है.
– स्थायी समिति के समक्ष दिया था प्रस्ताव
शिवसेना के नगरसेवक विशाल धनवडे व संगीता ठोसर ने इससे संबंधित प्रस्ताव स्थायी समिति के समक्ष रखा था. प्रस्ताव के अनुसार मुंबई महापालिका ने अपने दायरे में आनेवाले 700 वर्ग फीट तक का क्षेत्र होनेवाले घरों को टैक्स में माफी दी है. इसी तर्ज पर पुणे महापालिका भी ऐसी टैक्स में माफी दें. लेकिन स्थायी समिति द्वारा इस प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया गया था. स्थायी समिति ने यह प्रस्ताव प्रशासन के पास उनकी राय देने के लिए भेजा था. इस पर हाल ही में मनपा प्रशासन की ओर से अपनी राय दे दी है. प्रशासन का कहना है कि इससे पहले भी 500 वर्ग फीट तक का क्षेत्र होनेवाले घरों को टैक्स में सहूलियत देने से संबंधित प्रस्ताव आया था. उस अवसर पर इस प्रस्ताव को नकारात्मक राय प्रशासन ने दी थी. यही राय स्थायी समिति ने मंजूर की थी. क्योंकि इस तरह का कोई प्रावधान मनपा कानून में नहीं किया गया है. उसी तर्ज पर 700 वर्ग फीट तक के क्षेत्र को भी यह माफी नहीं दी जा सकती.
– मनपा की आय पर पड़ेगा प्रतिकूल असर
प्रशासन के अनुसार महापालिका को जिन स्रोतों से सबसे ज्यादा आय मिलती थी, ऐसे सभी स्रोत राज्य सरकार की ओर से बंद किए गए है. इस वजह से प्रॉपर्टी टैक्स पर ही मनपा का राजस्व निर्भर है. जीएसटी के लिए भी मनपा को राज्य सरकार के अनुदान पर निर्भर रहना पड़ रहा है. इस वजह से प्रॉपर्टी टैक्स ही आय ही मनपा का बड़ा स्रोत हैं. इस वजह से अगर 700 वर्ग फीट तक के घरों को टैक्स में माफी दी जाएगी, तो मनपा पर वित्तिय संकट आएगा. इस वजह से यह माफी नहीं दी जा सकती. प्रशासन की यह राय स्थायी समिति को भी मंजूर है. यानी अब ऐसे घरों को टैक्स माफ नहीं किया जा सकता, ऐसा तय हुआ है.