मुंबई (तेज समाचार डेस्क). लॉकडाउन के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना अत्यावश्यक सेवाओं को लोगों को तक पहुंचाने और प्रवासी मजदूरों को उनके गृहग्राम पहुंचाने में दिन रात जुटे मध्य रेलवे और पश्चिमी रेलवे के 872 कर्मचारी, उनके परिवार के सदस्य और रिटायर्ड कर्मी अब तक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और इनमें से 86 की मौत हो चुकी है. फिलहाल सभी को पश्चिमी रेलवे के जगजीवन राम अस्पताल में भर्ती किया गया है.
– परिवार के सदस्य भी संक्रमित
रेलवे की ओर से बताया गया है कि इन कुल संक्रमितों में से 559 मध्य रेलवे और 313 पश्चिमी रेलवे से है. 86 मृतकों में से 22 रेलवे के मौजूदा कर्मचारी (मध्य रेलवे के 14 और पश्चिमी रेलवे के आठ कर्मचारी) थे और और बाकी उनके परिवार के सदस्य और रिटायर्ड कर्मचारी थे. 132 ऐसे लोग भी हैं जो किसी रेलकर्मी के रिश्तेदार हैं.
– 700 ट्रेनें मध्य और पश्चिम रेलवे चला रही हैं
मध्य और पश्चिमी रेलवे अभी कुछ विशेष ट्रेनों, मालगाड़ी और सीमित यात्रियों के साथ 700 ट्रेनों का परिचालन कर रहा है. कुछ रेल यूनियनों का दावा है कि 15 जून के बाद लोकल ट्रेन सेवाओं के परिचालन बहाल होने के बाद से रेल कर्मियों के संक्रमित होने की संख्या बढ़ी है.
– 100 फीसदी रेलकर्मी फील्ड पर काम कर रहे हैं
नेशनल रेलवे मजदूर यूनियन के अध्यक्ष वेणु नायर ने कहा, ‘राज्य सरकार ने कार्यालयों में सिर्फ 15 से 30 फीसदी उपस्थिति की मंजूरी दी है लेकिन रेलवे में करीब 100 फीसदी फील्ड कर्मचारी उपनगरीय ट्रेन सेवा बहाल होने के बाद से काम कर रहे हैं.’
– रेलवे लगातार बरत रहा है सतर्कता
मध्य रेलवे के प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार का कहना है कि वे रेलवे कर्मियों और यात्रियों में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए पूरी तरह से सतर्कता बरतते हैं. जोनल रेलवे का कहना है कि कोविड-19 के मामले बढ़ने और सेवाओं के बहाल होने का कोई संबंध नहीं है.
– कोरोना से बचाव के लिए शुरू हुआ ‘रेल परिवार देखरेख’अभियान
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद मध्य रेलवे ने ‘रेल परिवार देखरेख’ अभियान की शुरुआत की ताकि रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. पश्चिमी रेलवे के मुंबई खंड के डीआरएम ने इस संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए.