दिल्ली (तेज समाचार प्रतिनिधि). सरकारी पैसों से विज्ञापन करने पर एलजी ने दिल्ली सरकार को विज्ञापन पर खर्च किए गए 97 करोड़ रुपए लौटाने का आदेश दिया है. जब पत्रकारों ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पूछा कि आप कब तक 97 करोड़ रुपये लौटाएंगे, तो सिसोदिया अपना आपा खो बैठे और बौखलाते हुए कहा कि जिस कमेटी ने निर्णय लिया, उसे किसने अधिकार दिया है. उसमें कौन-कौन लोग हैं, आपको पता है.
सिसोदिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन में ये कहा गया है कि कमेटी के तीनों सदस्य निष्पक्ष भूमिका में रहेंगे. केंद्र ने जो तीन नाम दिया था उसमे पहला नाम रजत शर्मा का है और ये कितने निष्पक्ष है ये सभी जानते हैं. वहीं, दूसरा नाम पियूष पांडेय का है, उनका बीजेपी से क्या सम्बन्ध है वे चुनाव में क्या भूमिका निभाते है ये भी सब जानते है और उनकी निष्पक्षता के बारे में भी सभी को जानकारी है. उन्होंने कहा गाइड लाइन में ये कही नही लिखा कि तीन सदस्यीय कमेटी को इस तरह के आदेश जारी करने का अधिकार है.
सिसोदिया ने कहा कि इस खबर के बाद कुछ पार्टी के नेता और मीडिया वाले नाच रहे है. मैं ये बता दूं कि ये 97 करोड़ आपने अपने ऊपर नही खर्चा है. सभी दूसरी राज्य सरकार भी अपने काम को शोकेस कर रही है. हमारे से पहले दिल्ली में जिसकी सरकार थी उसने भी अपने काम का विज्ञापन जारी किया. लेकिन आप के साथ दो नज़र हो रहा है. सब पार्टियां जब अपनी विज्ञापन जारी करती है तो विज्ञापन कहलाता है लेकिन वही काम जब हमने किया तो वह सरकारी खर्च है.
दिल्ली के लिए जो कुछ हम कर रहे है या किया, उसके बारे में लोगों को बताया तो वह अपराध कर दिया. मोहल्ला क्लीनिक की तारीफ पूरी दुनिया कर रही है वही काम हमने यदि अख़बारों में दे दिया तो वह अपराध कर दिया. सभी राज्य सरकार अपनी पार्टी का नाम देकर विज्ञापन दे रहे है वो गलत नही लेकिन हमने अपराध कर दिया. मनीष ने कहा कि ये जो 97 करोड़ हमसे मांग रहे है ये बताएं कि आम आदमी पार्टी ने तो विज्ञापन नही दिया, फिर कमेटी कैसे ऐसे आदेश दे सकती है. उनके पास ये आर्डर देने का पावर नही. भ्रष्टाचार के खिलाफ जो हम आवाज़ उठा रहे हैं उसे दबाने की कोशिश हो रही है.