पुणे. प्रत्येक व्यक्ति को अपने विचार रखने की आजादी है. मुंबई के फेरीवालों पर मैंने अपने विचार रखे और राज ठाकरे ने अपने विचार रखे. इस प्रकरण में राज ठाकरे का कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन मनसे ने अपना एक अमूल्य वोट गवा दिया है. यह प्रतिक्रिया नाना पाटेकर ने यहां व्यक्त की. गुरुवार को पुणे के एनडीए में दीक्षांत समारोह में नाना पाटेकर विशेष रूप से उपस्थित थे. इस समय नाना ने विभिन्न मुद्दों पर बात की.
उल्लेखनीय है कि नाना पाटेकर ने मुंबई के फेरीवालों के पक्ष में टिप्पणी करते हुए कहा था कि लोग अपने पेट-पानी के लिए यहां आते है और मेहनत करके जीविका चलाते है. उनके पेट पर लात नहीं मारनी चाहिए. नाना के इस बयान पर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें राजनीतिक बातों में हस्तक्षेप न करने की सलाह दी थी.
– पद्मावती को रीलिज होने दो, फिर विरोध करना
पद्मावती फिल्म के विवाद पर नाना पाटेकर ने कहा कि फिल्म के प्रदर्शन के पहले ही उसका विरोध करना उचित नहीं है. प्रदर्शन के पहले ही नाक काटने, जला कर मारने की धमकियां दी जा रही है. यह गलत बात है.
– एनडीए में आने पर गर्व महसूस होता है
नाना पाटेकर ने कहा कि एनडीए में आने पर गर्व का अनुभव होता है. यहां प्रशिक्षण लेनेवाले बच्चे तारीफ के काबिल है. शहर में निराशा का माहौल है, देश भावना के परे वाद-विवाद में समय गवाया जा रहा है. लेकिन यहां का वातावरण पूरी तरह से देशभक्ति का वातावरण है.
– सैन्य प्रशिक्षण के बिना पदवी न दी जाए
नाना पाटेकर ने कहा कि पदवी मिलने के बाद एक वर्ष सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाना चाहिए. इससे प्रत्येक विद्यार्थी को देश और देश के प्रति जिम्मेदारी का एहसास होगा. बाहर लोगों को पता ही नहीं है कि सेना का जीवन कैसे होता है. सैन्य प्रशिक्षण के बाद कोई भी सेना के जवान की उपेक्षा नहीं करेगा.