नई दिल्ली ( तेज़ समाचार प्रतिनिधि ): तीन तलाक बिल को बुधवार को राज्यसभा में पेश किया गया। विपक्ष इस विधेयक को सुझावों के साथ चयन समिति के पास भेजना चाहता है चूंकि, राज्यसभा में राजग सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है, इसलिए वह पूरी तरह से विपक्ष के सहयोग के आसरे है।तीन तलाक को लेकर छिड़ी सियासत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। एक ओर सत्ताधारी दल बीजेपी इस बिल के जरिए मुस्लिम महिलाओं को आकर्षित करने के प्रयास में जुटी है तो वहीं विपक्षी पार्टियां भी इस बिल में संशोधन के जरिए रोड़ा अटकाने का पूरा प्रयास कर रही है।
लोकसभा में पास हो चुका है बिल
इससे पूर्व तीन तलाक बिल लोकसभा में सात घंटे की बहस के बाद पास हो चुका है। चूंकि सरकार के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है इसलिए उसे वहां तो बिल पास कराने में कोई समस्या नहीं आई, लेकिन राज्यसभा में सरकार को पूरा एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। तीन तलाक बिल को लेकर सबसे ज्यादा सियासत कांग्रेस पार्टी कर रही है। कांग्रेस को यह डर सता रहा है कि इस बिल के जरिए पार्टी को यह डर सता रहा है कि उसका पारम्परिक वोट बैंक उसके हाथ से निकल सकता है। इसलिए वह जितना हो सके इस बिल को टलवाने का प्रयास करेगी। सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है इसलिए तय माना जा रहा है कि तीन तलाक बिल अटक सकता है।