जामनेर (नरेंद्र इंगले):नगरो के साफसुथरेपन के सर्वेक्षण के उपरांत नगर निकायो को निर्धारीत विकास निधी मुहैय्या कराने के प्रस्ताव पर काम करने शहर मे पधारी हुई दिल्ली की टीम के सजदे मे निगम का पुरा प्रशासन बीते पखवाडे से तत्पर दिखायी पड रहा है . पुरे शहर की दार्शनीक दिवारो को गुजरात के महानगरो की तर्ज पर अभियान से जुडे प्रेरणादायी संदेशो के बैनरो से लदा गया है . मानो की इस मुहीम को जनआंदोलन की शक्ल देने का हरसंभव प्रयास करते निकाय प्रशासन के तरकीबो ने इंतहा कर दि हो . सुत्रो के मुताबीक सर्वेक्षण कमेटी के सकारात्मक प्रस्ताव से निगम को करीब 20 करोड का निधी सरकार से उपलब्ध हो सकता है . निगम चुनाव के मुहाने साफसफ़ाई का पैमाना तय करने चलाए जा रहे इस राष्ट्रीय अभियान को सत्तापक्ष की ओर से जनता के बीच बडी उपलब्धी के तौर पर भुनाया जाकर जनाधार मजबुत करने के अनेक हथकंडे आजमाए जा रहे है . वही आम लोगो मे भी प्रधानमंत्री के प्रती कुछ हद तक व्यक्तीगत प्रेमभाव के चलते अभियान से जुडाव नजर आ रहा है . निकाय के आम चुनाव मार्च मे होने है . मंत्री गिरीश महाजन की आभा को मतदाताओ के बीच चमकाने मे सहायक साबीत हो रही सर्वेक्षण मुहीम से भाजपा गदगद है . वही जमीनी हकिकत से वाकीफ विचारको मे अभियान के प्रशासनीक बिंदुओ पर विश्लेषन कीया जा रहा है . सर्वेक्षण के नफ़ा -नुकसान का आंकलन करने मे जुटे राजनीतीक दलो के व्यतीरीक्त लोगो मे उस समृद्धि की संभावना पर चर्चा की जा रही है जो निधी के रुप मे कीसी परीयोजना तहत जनता को लाभान्वीत करने वाली है साथ हि उस पारदर्शिता की जो निधी के इस्तेमाल मे अपनायी जाने वाली है . जनता ऐसे कई कयास और उम्मीदे है और उनसे जुडे तार्कीक सवाल है जो ग्राउंड जिरो पर उन्हे आए पुर्वावर्ती अनुभवो के कारण अभियान के प्रासंगिकता के संदेह से पिडीत होकर कोई मुकम्मल राय बनाने के लिए बल प्रदान कर रहे है .

