अकोला (अवेस सिद्दीकी): महाराष्ट्र के किसानो की स्थिती दायनिय है तथा दिन पर दिन गुन्हगारी का ग्राफ बढ रहा है राज्य के मुख्यमंत्री एवं कृषी मंत्री विदर्भ के होने के बावाजुद यह स्थिती सामने है,तथा अब तक किसानो को स्वामीनाथन आयोग लागू नही हुआ ऐसा सरकार की निंदा करते हुए स्थनिय शासकीय विश्राम गृह मे आयोजित पत्र परिषद मे विधायक डॉ आशिष देशमुख बोल रहे थे।विदर्भ के हालात को देखते हुए सिंचनका अनुशेष,किसानो के विविध प्रलंबित मसले,किसान आत्महत्या,बेरोजगारी,लोडशेडिंग आदी प्रश्नो पर काटोल के भाजप के विधायक डॉ आशिष देशमुख ने हमेशा विधान भवन एवं विधान भवन के बाहर भी इस संदर्भ मे प्रकाश दालने का प्रयास किया,विदर्भ का विकास चाहीए तो विदर्भ राज्य की निर्मिती जरुरी है यह उनकी स्पष्ट भूमिका है पिछले 60 सालो मे विदर्भ मे सिंचन हेतू रखा हुआ पैसा पश्चिम महाराष्ट्र की ओर बढा दिया गया इसी का दुःखद परिणाम यांनी कर्ज बाजारी के शिकार हूए 32000 किसानो की आत्महत्या,कपास, सोयाबीन,संत्रा,चावल आदी फसलो को रास्त भाव नही मिल रहा क्योंकी विदर्भ मे कृषी प्रक्रिया यद्योग नही इन सभी पर उपाय एवं विदर्भ राज्य के संदर्भ मे जनजागृती करने तथा जनता के विचार जानने के के उद्देश से डॉ देशमुख विदर्भ के 62 मतदारसंघ की यात्रा कररहे है इसी के साथ किसानो की आत्महत्या रोकने एवं बेरोजगार युवको का स्थानतरण रोकने 7 जनवरी से 13 फरवरी तक “विदर्भ आत्मबल यात्रा” आयोजन किया गया है जिस्मे 7 जनवरी से दीक्षा भूमी नागपूर से अकोला,यावतमाल,अमरावती, चंद्रपूर,वर्धा,वाशीम,बुलढाणा,

