नई दिल्ली ( तेज़ समाचार प्रतिनिधि ): बजट पेश होने के ऐन 11 दिन पहले सरकार के लिए राहत भरी खबर है. क्योंकि एक सरकारी कंपनी ओएनजीसी ने दूसरी सरकारी कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम में सरकार की 51 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी करीब 37 हजार करोड़ रुपये में खरीदने का ऐलान किया है. इस तरह हिंदुस्तान पेट्रोलियम अब ओएनजीसी का हिस्सा होगा ओएनजीसी देश के विभिन्न हिस्सों में कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस निकालती है, वहीं हिंदुस्तान पेट्रोलियम कच्चे तेल से पेट्रोल-डीजल तैयार करती है और करीब 15 हजार पेट्रोल पंप के जरिए बेचती है. साथ ही हिंदुस्तान पेट्रोलियम रसोई गैस और हवाई ईंधन के अलावा दूसरे पेट्रोलिय उत्पादों की भी खुदरा बिक्री करती है.
शेयर बाजार में एचपीसीएल का शेयर कल 416.55 रुपए पर बंद हुआ, जो पिछले दिन से 1.34 प्रतिशत अधिक था। ओएनजीसी का शेयर 0.23 प्रतिशत गिर कर 193.60 रुपए पर था। इस सौदे से सरकार वित्त वर्ष 2017-18 के अपने विनिवेश लक्ष्य 72,500 का आधा हिस्सा पूरा कर लेगी। एक बयान में कहा गया है कि शनिवार को भारत सरकार ने ओएनजीसी के साथ एचपीसीएल में 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री का समझौता किया है। बजट घोषणा के अनुसार ओएनजीसी ने एचपीसीएल में सरकार की मौजूदा हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव दिया था।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में शनिवार को हुई एक वैकल्पिक रास्ते के जरिये एचपीसीएल में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के लिए मूल्य तय किया गया और इस सौदे की शर्तों और नियमों को मंजूरी दी गई। इस अधिग्रहण के जरिये ओएनजीसी देश की पहली वर्टीकर्ली इंटीग्रेटेड ऑयल कंपनी बन जाएगी, जिसकी उपस्थिति संपूर्ण वैल्यू चेन में होगी। एचपीसीएल आगे भी एक सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) बनी रहेगी।

