धुलिया( तेज़ समाचार प्रतिनिधि ):तहसील के मौजे पिंपरी अनवर में सौ फीसदी तक आदिवासी समुदाय है इस गांव में पेसा एक्ट लागू करने तथा महानगर पालिका क्षेत्र में से ग्राम पंचायत को निकाला जाना और क्षेत्र को जैसा था वैसा ही रखने की मांग आदिवासी संगठन ने कलेक्टर ऑफिस के सामने महिला पुरुषों ने विरोध आंदोलन किया इस दौरान एक ज्ञापन ज़िलाधिकारी को सौपा है ।
एकलव्य संगठन ने बताया है कि प्रदेश में पेसा एक्ट के तहत आदिवासी संस्कृति को बचाने के लिए पेसा एक्ट लागू किया गया, लेकिन ज़िले में इस एक्ट का पूरा पालन नहीं हो रहा है। इससे आदिवासी हितों की लगातार अनदेखी हो रही है। केंद्र सरकार ने पेसा एक्ट के तहत हर राज्य में नियम बनाने का प्रावधान किया था, लेकिन कोई भी राज्य इसको लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है। अधिवक्ता राजेंद्र कृष्णा वाघ ने बताया कि मौजे पिंपरी अनवर गांव की जनसंख्या पूरी की पूरी आदिवासी समुदाय की है पिछले कई वर्षों से एकलव्य संगठन द्वारा गाँव को पेसा अनुसूची क्षेत्र में घोषित किया जाने को लेकर जिला स्तर पर आंदोलन कागजी पूर्ति कर रहा था । ज़िला परिषद ने भी महानगर पालिका क्षेत्र में इस गांव का अधिग्रहण मनपा क्षेत्र में कर दिया ।
संगठन ने आरोप लगाया है कि पेसा कानून की प्रक्रिया शुरू की गई थी ग्राम सभा की अनुमति के बाद ही अधिग्रहण और अन्य कानून लागू किए जाने चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं कर रही है। अधिकारी अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे हैं । शासन एक तरफ आदिवासियों के विकास हेतु विविध पर कड़े कानून बना रहा है लेकिन आदिवासी क्षेत्रों में कानून को अमली जामा पहनाते समय कानून की अनदेखी करते हुए आदिवासियों का विकास रूका कर उनका जीवन स्तर और खराब करने के प्रयास अधिकारियों द्वारा किए जा रहे हैं । तहसील के आदिवासियों को मुख्यधारा में लाने हेतु पिंपरी गांव में पेसा कानून लागू किया जाए महानगर पालिका क्षेत्र में शामिल नहीं किया जाए और आदिवासी पेसा कानून की प्रक्रिया में अडंगेबाजी करने वालों पर कड़ी कारवाई किया जाने की मांग जिलाधिकारी दिलीप पांढरपट्टे को निवेदन सौपकर शिवाजी राव ढवले भरत जाधव मनोज अहिरे भारत मोरे भटू गायकवाड़ अधिवक्ता राजेन्द्र वाघ राकेश नाईक शालिग्राम ठाकरे आदि ने की है ।