पुणे (तेज समचार डेस्क). महापालिका की ओर से नए साल में पुणेकरों को सुरक्षा की अच्छी सौगात दी गयी है. आगामी काल में अब प्रत्येक पुणेकर को 5 लाख का दुर्घटना बीमा दिया जाएगा. संबंधित व्यक्ति की किसी भी प्रकार की दुर्घटना में मृत्यु होने के बाद यह निधि उसके परिजनों को दी जाएगी. साथ ही अगर संबंधित व्यक्ति दुर्घटना में दिव्यांग हुआ, तो भी इस योजना का लाभ मिल सकता है. महापालिका की ओर से पुणेकरों के लिए पं. दीनदयाल दुर्घटना बीमा योजना मुहैया की है. उसके लिए पुणेकरों को प्रति वर्ष सिर्फ 85 रुपए अदा करने पड़ेंगे. महापालिका को इस योजना के लिए प्रति वर्ष 4 करोड़ 67 लाख की लागत आएगी. इससे संबंधित प्रस्ताव को बुधवार की स्थायी समिति की बैठक में मंजूरी दी गयी.
– भाजपा ने दिलाया था भरोसा
ज्ञात हो कि प्रत्येक पुणेकर को दुर्घटना बीमा देने से संबंधित योजना बजट के शुरू में भी सत्ता में आने के बाद सत्ताधारी भाजपा द्वारा मुहैया करने का भरोसा दिलाया था. उसके अनुसार पं. दीनदयाल दुर्घटना बीमा योजना के लिए बजट में स्थायी समिति अध्यक्ष मुरलीधर मोहोल ने 10 करोड़ का प्रावधान किया था. लेकिन विगत कई दिनों से यह योजना पर अमल नहीं हो पा रहा था. आखिरकार महापालिका प्रशासन की ओर से बुधवार की स्थायी समिति के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया था. प्रस्ताव के अनुसार इस काम के लिए टेंडर मंगाए गए थे. इसके अनुसार तीन बीमा कंपनियां आगे आयी थी. इस योजना के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को 5 लाख का दुर्घटना बीमा दिया जाएगा. संबंधित व्यक्ति की किसी भी कारण से मृत्यु होने के बाद उसे इस योजना का लाभ मिलेगा. साथ ही अगर बीच में संबंधित व्यक्ति दिव्यांग हुआ, तो भी इस योजना का लाभ मिल सकता है. इस योजना के अनुसार तीन कंपनियों में से दि युनायटेड इंडिया इन्शुरेन्स कंपनी का प्रीमियम दर सबसे कम यानी प्रति वर्ष 85 रुपए था. इस वजह से महापालिका प्रशासन की ओर से इस कंपनी को ही चुना गया है.
– मनपा को प्रति वर्ष आएगी 4 करोड़ 67 लाख की लागत
स्थायी समिति के अध्यक्ष मुरलीधर मोहोल के अनुसार शहर में करीब साढ़े पांच लाख प्रॉपर्टियां हैं. इसका जो नागरिक हर साल टैक्स भरते हैं, उनको ही इस योजना का लाभ मिलेगा. इस योजना के लिए महापालिका को प्रति वर्ष 4 करोड़ 67 लाख की लागत आएगी. बजट में इसके लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया था. एक बार प्रीमियम भरने के बाद आगामी 12 माह तक यह योजना जारी रहेगी. इस प्रस्ताव को स्थायी समिति की बैठक में मंजूरी दी गयी. मोहोल के अनुसार यह योजना मंजूर करते समय नगरसेवकों ने इसके लिए एक उपसुझाव दिया. इसमें झोपड़ी में रहनेवालें लोगों का जिक्र नहीं किया गया था. उन्हें भी अब इस योजना में लाया जाएगा. उसके लिए संबंधित व्यक्ति ने सेवा शुल्क भरना चाहिए. उसके बाद ही कागदात जमा करने के बाद उसे इस योजना का लाभ मिलेगा. आम सभा की अंतिम मंजूरी मिलने के बाद इस पर अमल करना शुरू किया जाएगा.