मूर्तिज़ापुर (मो. रिजवान सिद्दीकी). मूर्तिज़ापुर तहसील अंतर्गत आनेवाले कुरूम सर्कल में कपास गांठ ईल्ली का प्रशासन द्वारा सर्वे करने के बाद भी यहां के सभी किसानों का लिस्ट से नाम बाहर करके कुरूम सर्कल में आनेवाले सभी किसानों पर एक प्रकार का अन्याय किया गया.
बता दे कि पिछले पांच महीनों से यहां के कपास उत्पादक किसानों के खेत मे जाकर संबंधित अधिकारियों ने बोंड इल्ली संदर्भ में सर्वे कराया था. इस परिसर में किसानों की कपास की फसल हुई नही. अक्टूबर नवंबर माह में जिस किसी किसान ने बोंड इल्ली के बारे में शिकायत की थी, उन सभी किसानों के खेत मे जाकर मंडल अधिकारी, कृषि सहायक अधिकारी तथा पटवारी ने निरीक्षण किया. उसके बाद तालुका कृषि अधिकारी, पंचायत कृषि अधिकारी व तालुका स्तरीय समिति ने नुकसान ग्रस्त प्रति पेड़ 100 बोंडी में से 70 ते 80 बोंडी इल्ली के कारण खराब पाई गई.
इतना ही नहीं, कई जिम्मेदार प्रतिनिधियों ने भी किसानों के खेतों में जाकर निरीक्षण किया था. और उसके बाद नया सर्वे करने जिला कृषि अधिकारी, जिला परिषद कृषि अधिकारी तथा कृषि विद्यापीठ के शास्त्र विशेषज्ञ के समिति ने बोंड इल्ली का सर्वे करके तत्काल कपास फसल को उखाड़कर खेत से बाहर फेंक देने की चेतावनी भी दी थी.
ये सभी समितियों ने कपास बोंड इल्लियों का निरीक्षण के बाद तालुका कृषि सहायक, ग्रामसेवक, मंडल अधिकारी तथा महसूल अधिकारियों ने कपास फसल खराब होने के अहवाल तैयार करके वरिष्ठों को सौंपे थे.
फिर भी कपास फसल का उत्पन्न 33 प्रतिशत के भी ऊपर हुआ, ऐसा बताकर एक प्रकार से कुरूम मंडल के सभी किसानों पर अन्याय किया गया. ऐसी यहां के किसानों में चर्चा हो रही है. और प्रशासन के मनमाने करोबार के कारण यहां के कई किसान परिजनों पर भुखमरी का संकट मंडरा रहा है.