पुणे (तेज समाचार डेस्क). विगत 64 वर्षों से हजारो पाठकों, लेखक, शिक्षक व विद्यार्थियों के किताबों का अड्डा रहा एफसी रोड का ‘पॉपुलर बुक हाऊस’ अब अपने पाठकों से विदाई ले रहा है. नए साधन, पाठकों की कमी के कारण आई पुस्तक विक्रय की कमी के चलते इस बुक हाऊस को बंद करने की नौबत आ गई है. पिछले चार-पांच सालों से किताबों की बिक्री में भारी गिरावट आई है. पुस्तक प्रेमियों का दुकान में आना बहुत कम हो गया है. जिस वजह से इस बुक हाऊस का दरवाजा अब बंद हो जायेगा. वहीं पुणेकरों के लिए एक ख़ुशी की खबर यह भी है कि यह बुक हाऊस कुछ समय बाद एक नए रूप में अपने पाठकों के सामने फिर उपस्तित हो सकता है.
पुस्तको के साथ सीडी, वीसीडी, डीवीडी, ऑडिओ बुक्स, किंडल जैसे बदलावों को भी ‘पॉपुलर’ने आत्मसात किया था. पहले ऑनलाइन बुक स्टोर्स शुरू किया. लेकिन उससे भी ‘पॉपुलर’ पुस्तक प्रेमियों को लुभाने में असफल रहा. फेसबुक, व्हाट्सएप, ई-मेल के माध्यम से भी ग्राहकों से संपर्क किया. ‘टीम पीबीएच’ व्हाट्सएप ग्रूप में अनेक लोग जुड़े. लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हो सका. लोगों की पसंद बदली, परिस्थितियां बदली और इस सब के साथ बुक हाऊस के पन्ने पीले पड़ गए.
– डॉ. श्रीराम लागू, पं. हृदयनाथ मंगेशकर, अनुराधा पौडवाल, बालासाहेब ठाकरे रहे है पाठक
माधव लक्ष्मण गाडगील ने 10 अक्टूबर १९५४ को पॉपुलर बुक हाऊस की स्थापना की थी. मशहूर लेखक, खिलाडी, अभिनेता, राजनेता, उद्योगपति, गायक, शासकीय व पुलिस अधिकारी जैसे दिग्गजों का इस बुक हाऊस से एक खास लगाव रहा है. पाठकों की तीन-चार पीढ़ियों का इस दुकान से नाता रहा है. पु.ल. देशपांडे, व्यंकटेश माडगुलकर, डॉ. श्रीराम लागू, निलू फुले, विक्रम गोखले, पं. हृदयनाथ मंगेशकर, अनुराधा पौडवाल, बालासाहेब ठाकरे ने इस दुकान में अपनी पसंदीदा पुस्तकों के साथ समय बिताया है.
जानकारी के अनुसार वर्ष भर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया है. दुकान को खाली करने का काम शुरू हो चुका है. अगले चार पांच दिनों में दुकान बंद कर दी जाएगी. यहां सिर्फ दुकान ही नहीं बंद होगी बल्कि बंद होंगे कई पुस्तकों के पन्ने भी, जो पिछले 64 वर्षों से अपनी खुशबू से लाखों पाठकों का मान मोह रहे थे.

