आरोग्य विभाग की लापरवाही का अंजाम भुगतना पड़ रहा है गरीब जनता को ?
मुर्तिजापुर (मो . रिजवान सिद्दीकी):मूर्तिज़ापुर पंचायत समिती अंतर्गत आनेवाले कुरुम परिसर में नई बनाई गई प्राथमिक आरोग्य उपकेंद्र की इमारत इन दिनों शोपीस बनी नजर आ रही है। चार पाच साल पहले जिल्हा प्रशासन की और से लाखों रुपये खर्च करके बानाई गई प्रा.आ.उपकेंद्र की सरकारी इमारत फिलहाल खंडहर होने के कागार पर दिखाई दे रही हैं। और कुछ ऎसा ही नजारा बगल के पुराने प्रा.आ.केंद्र का देखने मिलता है। जिसके आस पास गंदगी भरा माहौल तो नजर आता ही है पर यहां के किसानों ने तों जैसे अपना वाहन अड्डा बना रखा है।
बता दे कि 1985 में कुरुम निवासी श्री वल्लभदास सारड़ा ने अपनी स्व.माता गवरजा बाई सारड़ा स्मृति प्रितर्थ 42 एक्कड़ जमीन दान देकर जि.प.मराठी स्कूल के पास तथा मुस्लिम मोहल्ले से सटकर गांव के बीचों बीच प्रा.आ.केंद्र बनाया था। और डॉक्टर एवं नर्स के लिए मुख्यालय भी बनाये थे। परंतु आये दिन कुरुम की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुये ये जूना प्रा.आ.केंद्र छोटा पड़ने लगा। इस कारण ये प्रा.आ.केंद्र यहां से हटाकर करीब आधा की.मि.दूरी पर इतवारा बाजार समीप जिल्ह्य प्रशासन की और से लाखो रुपये खर्च करके यहां के शासकीय 4 एक्कड़ जमीन पर बड़ा बनाकर सभी सुविधा मुहैया कराई गई। इस प्रा.आ.केंद्र में 2 डॉक्टर सहित 16 कर्मचारी कार्यरत है। इन सभी कर्मचारियो के लिए मुख्यालय भी बनाये गए है। 24 घंटे सेवा प्रदान करने वाले कुरुम प्रा.आ.केंद्र में करीब 30 देहातो का समावेश है।दूर दराज से आये दिन गरीब जनता यहां आकर अपना इलाज कराती है। इस प्रा.आ.केंद्र मे महिला प्रसूति से लेकर कुटुंब नियोजन शत्रक्रिया तथा टी.बी.का भी इलाज किया जाता है।
परन्तु पुराने प्रा.आ.केंद्र को बंद करके उसे यहां की मुस्लिम महिला तथा गरीब बुजुर्ग जनता की छोटी मोटी बीमारियों के लिये उप.प्रा.आ.केंद्र बनाया गया। क्योकि यहां मुस्लिमो की आबादी अच्छी खासी है।और इसके लिए लाखों रुपये खर्च करके पुरानी इमारत के बाजू एक नई इमारत भी बनाई गई। मगर अफ़सोस आज तक उस उप केन्द्र को शुरू ही नही किया गया। आज भी यहां की मुस्लिम महिला समेत गरीब बुजरूग जनता को सर्दी जुकाम जैसी छोटी मोटी बीमारियों के लिए आधा की.मि.पैदल चलकर प्रा.आ.केन्द्र मे जाना पड़ता है। और लाखों रुपये ख़र्च करके बनी इमारत खंडहर होती जारही है। इतना ही नही यहां के लोगो ने उसे वाहनों का अड्डा भी बना रखा है। इस कारण आरोग्य विभाग की लापरवाही का अंजाम यहां की मुस्लिम महिला तथा गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है।
जानकारी के लिए बात दे कि, मूर्तिज़ापुर तहसील में कुरुम सबसे बड़ा गांव माना जाता है। करीब 15 हजार आबादीवाले ग्राम पंचायत में 5 वार्डो का समावेश है। जिसमे 15 मेम्बर अपना प्रतिनिधित्व करते है। यही नही जि. प. मेम्बर और प. स. के उप सभापति भी इसी गांव के निवासी है। परन्तु विकास शून्य है। यह एक कुरुम वासियो के लिये कटु सत्य है।

