पटना (तेज समाचार डेस्क). एक समय था जब बिहारा को शिक्षा का गढ़ कहा जाता था, लेकिन समय के साथ साथ पूरे बिहार में शिक्षा का पतन होता चला गया. आज स्थिति यह है कि बिहार शिक्षा के मामले में पूरे देश में बदनाम हो गया है. हालांकि नितीश कुमार सरकार बिहार की शिक्षा स्थिति सुधारने के लिए काफी कोशिश कर रही है, लेकिन फिर भी प्रशासकीय स्तर पर इसमें सुधार दिखाई नहीं दे रहा है. एक सरकारी स्कूल की अर्धवार्षिक परीक्षा की कॉपियों की जांच का काम सोमवार से शुरू हुआ. इस समय एक ऐसी उत्तर पुस्तिका सामने आयी है, जिसमें एक बच्चे ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था का ही पर्दाफाश कर दिया. इस बच्चे ने संस्कृत की उत्तर पुस्तिका में यह लिख कर तहलका मचा दिया है कि ‘किताब नही मिला है जी.’ छात्र की उत्तर पुस्तिका की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो गई है.
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा आयोजित अर्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा की कॉपियों की जांच के दौरान मिली संस्कृत परीक्षा की एक उत्तर पुस्तिका की फोटो वायरल हुई है. इस उत्तर पुस्तिका में छात्र ने कुछ सवालों के जवाब तो दिए हैं, लेकिन एक जगह लिखा है कि किताब नहीं मिला है जी. बिहार शिक्षा परियोजना के संज्ञान में भी यह मामला आया है. उसने जांच की बात कही है.
राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में अर्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा 5 से 11 अक्टूबर तक हुई थी. कॉपियों की जांच सोमवार से प्रारंभ हुई है. पहले दिन की जांच में ही उत्तर पुस्तिका में किताब न मिलने की बात सामने आई है. दरअसल, छात्र ने कोई गलत बात नहीं लिखी है. यह बात बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं.
– पदाधिकारी भी स्वीकार रहे बात
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि यह बात सही है कि छात्रों को किताबें नहीं दी जा सकी हैं. लेकिन, ऐसा भी हो सकता है किसी ने शरारत में ऐसा किया हो. परिषद देखेगा कि यह उत्तर पुस्तिका किस जिले से जुड़ी हुई है. जांच करने के बाद ही सरकार कोई कदम उठाएगी.
यहां बता दें कि प्रारंभिक स्कूलों में पढऩे वाले तकरीबन दो करोड़ छात्रों में से 32 फीसद छात्रों को पुरानी किताबें दी गई थीं. शेष छात्रों को अब तक किताबें नहीं दी जा सकी हैं.