धुलिया (वाहिद काकर). गत 23 मार्च से राज्य सरकार द्वारा पूरे राज्य में प्लास्टिक पर पाबंदी लगा दी है. साथ ही स्थानीय प्रशासन को प्लास्टिक बेचनेवालों पर कार्रवाई के सख्त आदेश भी राज्य सरकार ने दिए थे. राज्य सरकार के इस आदेश से छोटे-बड़े सभी व्यापारी काफी परेशान है. उनकी इस परेशानी को और बढ़ाने का काम किया मनपा के कर्मचारियों ने. इन कर्मचारियों ने कार्रवाई के नाम पर व्यापारियों से वसूली अभियान शुरू किया. जिसने दिया, उसे बख्श दिया, जिसने नहीं दिया, उस पर कार्रवाई कर रिकॉर्ड बना दिया. व्यापारियों के साथ हो रही इस नाइंसाफी और मनपा कर्मचारियों के इस भ्रष्टाचार के बारे में तीन दिन पूर्व तेज समाचार ने विस्तार से खबर प्रकाशित की थी. इस खबर को मनपा प्रशासन ने तो गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जिला उपाध्यक्ष गुलशन उदासी ने इस खबर का सज्ञान लेते हुए पहले तो इस बात की पुष्टि की और फिर जिला अधिकारी को शिकायती पत्र लिखकर मनपा कर्मचारियों की भ्र्ष्टाचार की पोल खोली. साथ ही उन्होंने जिला अधिकारी से दोषी कर्मचािरयों पर कार्रवाई की भी मांग की है. उदासीन द्वारा की गई इस पहल के बाद शहर के व्यापारी भी मुखर हो गए है और इन व्यापारियों ने भी मनपा आयुक्त सुधाकर देशमुख से अपने कर्मियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की जांच करा कर उन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
– राष्ट्रवादी कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग
राकांपा के शहर उपा अध्यक्ष गुलशन उदासी ने जिला अधिकारी को ज्ञापन में बताया है कि प्रदेश में गत दिनों प्लास्टिक की कैरी बैग पर राज्य सरकार ने पाबंदी लगाई है. मनपा कर्मियों ने मनमानी करते हुए सिंधी समाज के व्यापारी वर्ग को परेशान करना शुरू कर दिया है. बुधवार के दिन कुमार नगर स्थित एक बेकरी में प्लास्टिक कैरी बैग की काईवाई के नाम पर मनपा कर्मियों ने बेकरी की पूरी तलाशी लेने पर जुर्माने के तौर पर 5 हजार रुपये की मांग की जबकि कानून जुर्माना 2 हजार रुपये होता है. इस प्रकार से मनपा कर्मचारियों के द्वारा सिंधी समुदाय के व्यापारी वर्ग को टारगेट और आर्थिक लूटजनी किया जाने का आरोप ज्ञापन में राष्ट्र वादी कांग्रेस पार्टी के गुलशन उदासी ने लगाया तथा जिला प्रशासन से दखल देने की मांग की है.