बहराइच (तेज समाचार डेस्क). बढ़ती आबादी और छोटे होते जा रहे जंगल के कारण अक्सर जंगली जानवर मानव बस्ती का रुख करते है. ऐसे में कई बार जब इन जंगली जानवरों का सामना इंसान होता है, तो डर और गुस्से से ये जंगली जानवर मनुष्य पर हमला कर उन्हें नुकसान पहुंचा देते है. हालांकि कई बार इन जंगली जानवरों को इंसानों की बस्ती में आने की कीमत अपनी जान गवा कर चुकानी पड़ती है.
ऐसा ही एक वाकया बहराइच के खैरीपुरवा गांव में हुआ. यहां कुछ महिलाएं खेत में गेंहू काट रही थी. तभी वहां जंगल से भटकता हुआ एक वयस्क तंदुआ गया. तेंदुए को देख कर महिलाएं चीखी और महिलाओं की चीख सुन कर अन्य मजदूर भी वहां आ गए. इतने सारे इंसानों को देख कर तेंदुआ घबरागया और उसने वहां मौजूद सभी लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया. हालांकि ग्रामीणों ने तेंदुए को दौड़ाकर एक कमरे में कैद कर लिया. सूचना पर पहुंची नानपारा पुलिस व वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन उसकी आक्रामकता देख आगे बढ़ने की किसी की हिम्मत नहीं हुई.
तेंदुए को ट्रेंकुलाइज की मदद से बेहोश कर पिंजरे में कैद किया आखिरकार लखनऊ प्राणी उद्यान से विशेषज्ञों को बुलाया गया. दोपहर करीब साढ़े तीन बजे तेंदुए को ट्रेंकुलाइज की मदद से बेहोश कर पिंजरे में कैद किया गया. इसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है.
जानकारी के अनुसार बहराइच वन प्रभाग अंतर्गत नानपारा कोतवाली क्षेत्र के खैरीपुरवा गांव निवासी सीमा (30) पत्नी अशेक सोमवार सुबह खेत में गेंहू काट रही थी. इसी दौरान एकाएक तेंदुआ सामने आ धमका और उसने सीमा पर हमला कर दिया. वह चीखते हुए खेत से भागी. पत्नी की चीख पुकार सुनकर पास में मौजूद अशोक जैसे ही बचाव के लिए दौड़ा, तेंदुए ने उन पर भी हमला कर घायल कर दिया.
कमरे में बंद किया तेंदुए को शोर शराबा सुनकर गांव निवासी सुरेश भी मौके पर पहुंचे और तेंदुए को दबोचने का प्रयास किया. लेकिन तेंदुए ने उन पर हमलाकर घायल कर दिया. चीख पुकार सुनकर माता प्रसाद व जूड़ा गांव निवासी जवाहर भी मौके पर पहुंच गए, लेकिन तेंदुए ने इन दोनों पर भी हमला कर दिया. ग्रामीणों के एकत्रित होने पर तेंदुआ भागते हुए गांव निवासी मुस्तकीम के मड़हे में घुस गया. ग्रामीणों ने हिम्मत जुटाते हुए मुस्तकीम के मड़हे को घेर लिया और दरवाजे पर तख्त व छप्पर को चारपाई से ढंककर उसे कैद कर दिया. इसकी सूचना नानपारा पुलिस को दी गयी.
नानपारा रेंजर राशिद जमील ने बताया कि तेंदुए की उम्र करीब पांच वर्ष है. वह पूरी तरह से वयस्क है. उसे ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में कैद कर लिया गया है. लखनऊ जू के अफसरों ने तेंदुए को लेने से इंकार किया है. कारण वहां क्षमता के सापेक्ष तेंदुए की संख्या पूरी हो चुकी है. सम्भवतः इस तेंदुए को कतर्नियाघाट अभ्यारण्य में छोड़ा जाएगा.