जामनेर (तेज़ समाचार प्रतिनिधि): निकाय चुनाव मे सुपडा साफ होने के बाद मुफलिसी का शिकार होकर आम मतदाताओ से आभार प्रदर्शन मे भी चूँक चुके और जन संवाद से कटे विपक्ष कि मुख्य पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस कि चिंतन बैठक हाल हि मे संपन्न हुयी . नेता संजय गरुड की अगवायी मे डी के पाटील , दगडू पाटील समेत सैकडो पदाधिकारी मौजुद रहे . इस बैठक मे निकाय चुनाव मे दोनो कांग्रेस के पराजीत प्रत्याशी उपस्थित रहे . सभा मे राष्ट्रवादी कि नूतन कार्यकारनी को लेकर बरपे हंगामे को देख नेता संजय गरुड निजी व्यस्तता के कारणो तहत किनारा करते निकल गये . प्रदेश इकायी कि सुचना पर निरीक्षको द्वारा किए गए साक्षात्कार मे ब्लाक अध्यक्ष के लिये क्षेत्र से 14 नामांकन दायर हो चुके है . जहा तहसिल समेत शहर और तमाम विंग्ज कि पद सारनीया बरसो से रीक्त है उसमे भी संगठन मे समुदाय विशेषतावाद इतना मजबुत है कि नेतृत्व क्षमता होने के बावजूद दुसरे तबको को न्याय नहि मिल पाता , या यू कहे कि सामाजिक न्याय कि धारणा ध्वस्त है , जो केवल चुनावो मे अवसरवाद अनुसार प्रयोग के तौर पर आजमायी जाती है जैसा कि हालीया निकाय मे प्रो श्रीमती अंजली पवार को दिये तिकट से स्पष्ट होता है . वहि विधानसभा जैसे बडे चुनावो मे केवल गरुड की व्यक्तीगत जनाधार वाली बेबाक और साफसुथरी छबी कि लोकप्रियता के सहारे व्यापक माहौल पैदा किया जाता है जो ऐन वक्त पर टिमवर्क के अभाव से शाश्वत जित नहि दिला पाता है .
आश्चर्य कि बात है की किसान संघर्ष , हल्लाबोल यात्रा जैसे आंदोलनो कि सफलता भी पार्टी के इन्ही मासलिडर्स कि हि उपलब्धी है , पुरोगामी केडरबेस परीवर्तनवादी संगठनो कि बदोलत तैय्यार कि जा रहि क्षेत्र की राजनीतीक जमीन को सिंचने मे विपक्ष कमजोर साबीत होता दिखायी पड रहा है . बहरहाल ऐसे मे अगले एक साल तक कोई बडा चुनाव नहि है दौरान संग़ठन कि कार्यकारनीयो मे बुनीयादी तथा सर्वजन समावेशक परीवर्तनो के साथ हि समन्वय कि मांग कार्यकर्ताओ मे इस उम्मीद के साथ कि जा रहि है कि पार्टी पर फीर से समुदाय विशेषतावाद हावी न हो जाय


