अकोला (तेज़ समाचार प्रतिनिधि):अकोला निवासी भुजंगराव दीपके से उसके शेगांव के मित्र गौतमकुमार निर्वान ने ८ जून २०११ को ५० हजार रूपए ऊधार के रूप में लिया था। उक्त राशि लौटाने के लिए आरोपी ने शिकायतकर्ता को १० जुलाई २०१३ का धनादेश दिया था। समयावधि बीत जाने के बावजूद पीडि़त ने बैंक में चेक लगाने पर पर्याप्त राशि न होने के कारण वापस कर दिया। जिससे उन्होंने रकम के लिए अधिवक्ता के माध्यम से नोटीस भेजी थी किंतु उन्होंने जवाब नहीं दिया। जिसके चलते दीपके ने अधिवक्ता श्याम खोटरे के माध्यम से अकोला जिला व सत्र न्यायालय में धारा १३८ के तहत याचिका दायर की थी। उक्त याचिका पर सुनवाई के दौरान आरोपी ने न्यायालय को बताया कि जिसके खिलाफ मामला पंजीकृत किया गया है वह मैं नहीं हूं। दोनों पक्षों की दलील सुनने के पश्चात प्रथम श्रेणी न्यायाधीश ए.बी.रेडकर ने आरोपी को २ साल सश्रम कारावास की सजा तथा १ लाख रूपए जुर्माना अदा करने के आदेश दिए। जुर्माने की राशि का भुगतान न करने पर आरोपी को अतिरिक्त एक माह की सजा भुगतनी होगी।

