मुंबई (तेज समाचार डेस्क). साध्वी सुह्रदय परमानंद दीदी ने कहा कि लक्ष्य को पाने के लिए प्रयास करना पड़ेगा. पैर को एक स्थान पर स्थिर रखने से मानव अपने गंतव्य स्थान तक नहीं पहुंच सकता, वहां पहुंचने के लिए पैर को आगे बढ़ाना ही पड़ेगा. इसी तरह से बिना कर्तव्य किये मंजिल नहीं हासिल होगी. मंजिल को पाने के लिए कड़ी मेहनत एवं लगन जरूरी है. वे बोरीवली प. सोडावाला लेन स्थित नंदनंदन भवन में आयोजित संगीतमय कथा में प्रवचन कर रही थीं.
गांधी विचार मंच, सीनियर सिटीजन सेल एवं राधे मां चेरिटेबल द्वारा आयोजित इस पावन कथा में दीदी ने कहा कि वातावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण बहुत जरूरी है. पेड़-पौधों से शुद्ध हवा मिलती है. जो मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है. तुलसी, पीपल, वट सहित अनेक पौधे आक्सीजन अधिक उत्पन्न करते हैं, यही नहीं औषधियों में इनका प्रयोग होता है. उन्होंने कहा कि जो अभिमान का हनन कर दे, वहीं हनुमान है. हनुमान जी बहुत दयालु हैं. वे जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं. हनुमान जी के प्रसन्न होने पर भगवान श्रीराम खुद आनंदित हो जाते हैं. ऐसे में हनुमान जी को प्रसन्न करने की कोशिश करनी चाहिए.
साकार-निराकार पर प्रकाश डालते हुए दीदी ने कहा कि अपने भक्तों की रक्षा के लिए भगवान साकार रूप में अवतरित होते हैं. तालाब में गजराज को मगरमच्छ द्वारा जकड़ने पर भगवान को साकार होना पड़ा. प्रह्लाद सहित ऐसे कई उदाहरण हैं, जब भगवान अपने भक्तों के लिए अवतरित हुए हैं. उन्होंने कहा कि बिना गुरु के जीवन सार्थक नहीं हो सकता है. गुरु ही मानव की आंतरिक चक्षु को खोल सकता है. इसलिए गुरु की शरण में जाना ही चाहिए.
जिस तरह से कुम्हार मिट्टी के कच्चे घड़े को ठोंक-पीट कर सुधारता है, उसी तरह से गुरु अपने शिष्य को डाट-फटकार कर उसका जीवन सार्थक बनाता है. यह राम कथा 14 मई तक चलेगी. दोपहर बाद 3 बजे से 7 बजे तक चलने वाली इस कथा में श्रोताओं की भीड़ उमड़ रही है. गांधी विचार मंच के अध्यक्ष मनमोहन गुप्ता ने श्रद्धालुओं से इस पावन अवसर का लाभ उठाने की अपील की है.