पुणे (तेज समाचार डेस्क). विगत 4 साल में राजनीति में काफी कुछ सीखने को मिला. पुणे शहर की समस्याओं से रूबरू हुआ, कार्यकर्ताओं की भावनाएं समझी. लेकिन पुणे शहर की राजनीति समझने में काफी समय लग गया. ऐसा कबूलनामा खुद युवक कांग्रेस के प्रदेधाध्यक्ष विश्वजीत कदम ने किया.
– शहर कांग्रेस ने किया सम्मान
पलूस-कडेगांव विधानसभा चुनाव क्षेत्र से निर्विरोध चुने जाने के बाद शहर कांग्रेस की ओर से विश्वजीत कदम का सम्मान मंगलवार को किया गया. हालांकि इसका औपचारिक ऐलान 31मई को विधानसभा व लोकसभा उपचुनावों के साथ होगा. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मनपा चुनावों के तहत पुणे की राजनीति में सहभागी होता था. पुणे शहर में कांग्रेस के कई कार्यकर्ता पार्टी का काम करते रहते हैं, साथ ही इसमें से कई लोकसभा चुनाव के लिए भी इच्छुक थे. फिर भी पार्टी ने उन्हें पिछली बार लोकसभा चुनाव का प्रत्याशी बनाया था. तब सभी कार्यकर्ताओं ने उनका पूरा साथ दिया था. उसके बावजूद वे चुनाव हार गए. लेकिन उन्हें इससे बहुत कुछ सीखने को मिला. उस चुनाव के दौरान उनपर कई आरोप लगाए गए, जिससे वे सक्षम हो गए. कदम ने कहा कि महापालिका चुनाव में प्रभाग प्रणाली की वजह से पार्टी को असफलता का स्वाद चखना पड़ा. पार्टी के पास युवा कार्यकर्ताओं की तादाद है. आगामी समय में इन्हीं में से काई शहर का विधायक बनेगाया सांसद होगा. पर जरूरत युवा कार्यकर्ताओं को बढ़ावा देने की है.
– पुणे की राजनीति से बाहर?
इस सम्मान समारोह में एनएसयूआय के प्रदेशाध्यक्ष आमिर शेख ने विश्वजीत को पुणे की लोकसभा सीट से दोबारा लड़ने की गुजारिश की. लेकिन कदम ने इस सवाल को टाल दिया. कदम ने कहा कि वे अब सांगली के विधायक बनने जा रहे हैं. फिर भी वे कभी भी उन्हें बुला सकते हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं के काम लिए वे हमेशा तत्पर रहेंगे. उन्होंने भरोसा दिलाया कि मरते दम तक वे कांग्रेस का कार्यकर्ता रहेंगे. यानी यह बात साफ हो गई है कि पुणे की राजनीति में कदम सक्रिय नहीं रहेंगे.