अकोला (अवेस सिद्दकी) शहर में जून का महीना आते ही पालको को शिक्षा शुल्क एवं दाखले की फिकर लग जाती है आज के इस दौर मे पालक अपने बच्चो को निजी शालाओ मे पढाना शान समझने लगे है इसी झुटी आन बान शान के चक्कर मे वे पिसे जाते है ताथा शिक्षा की दुकाने खोले बैठे कुछ शिक्षा संचालक पालको के शोषण के लिए तैय्यार बैठे रेहते है अद्भुत करने वाली बात तो यह है की जिला प्रशासन भी इस ओर मौन साधे हुए है. शहर के कइ सामाजिक संघटण जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग को अवगात कराते कराते थक चुके है किंतु निजी शालाओ की मानमाणे रूप से अभिभावको से शिक्षा शुल्क वसुलने का गोरख धंधा रुकने का नाम नही लेरहा इसी के चलते हर साल शहर मे कइ बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचीत रह जाते है शहर के साथ साथ जिले का भी शिक्षा स्तर गीर चूका है.
निजी शिक्षा संस्थानो द्वारा शिक्षा का बाजारीकरण एवं शासकीय शिक्षा संस्थान का ढूलमूल रवैय्या एक खास वजाह है पालको का निजी शालाओ की ओर रुख करने का .जिले मे एक ओर निजी शालाए विभिन्न प्रकार सुविधाए बताकर पालको को आकर्षित कररही है तो दुसरी ओर शासकीय शालाओ की ईश्वर दया करे जैसे हालात है शहर मे नगर निगम द्वारा संचालित विभिन्न शालाओ मे विद्यार्थीयो की उत्तम सुविधा हेतू कोई भी उचित सुविधा नही है कही तो यह शाला मूलभूत सुविधाओ से भी वंचीत है शहर मे शिक्षा के स्तर को बढाने नगर निगम प्रशासन के साथ जिला प्रशासन द्वारा भी उचित कदम उठाना जरुरी है क्यो की ‘पढेंगा इंडिया तभी तो बढेगा इंडिया’ वाली कहावत पर अमल किया जा सकें.
– सुधारना होगा सरकारी स्कूलों का स्तर
शहर के साथ साथ जिले मे भी शिक्षा का बाजारीकरण हो गया है इसीलिए जिले मे शिक्षा का स्तर गिर गया है, साथ ही शिक्षको की प्रतिमा मलीन होती जा रही है शिक्षा के स्तर को बढाने शिक्षा विभाग उचित कदम उठाए ताकी शहर के साथ साथ जिले का शिक्षा स्तर सुधरे क्योकी विध्यार्थी ही देश का उज्ज्वल भविष्य होते है.
– एड. सुमित बजाज
निजी स्कूलों का ऑडिट चेक किया जाए
महाराष्ट्र की सभी निजी स्कूलों के ऑडिट रिकॉर्ड चेक किये जायें जिससे की ये पता चले कि निजी स्कूलों के संचालक किस तरह से अभिभावकों से अपने मन माने तरीके से फीस वसूल कर रहे है जिन निजी स्कूलों के ऑडिट रिकॉर्ड में खामियां पाई जाती है ऐसे निजी स्कूलों को फौरन महाराष्ट्र सरकार आदेश दे कि जिन अभिभावकों से ग़ैर कानूनी रूप से फीस वसूली की गई है उन्हे फ़ौरन फीस वापस करे सभी सरकारी स्कूलों में बायोमेटरीक और सीसीटीव कैमरे लगा ए जाए दिल्ली सरकार की तरह ही महाराष्ट्र सरकार भी निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर नकेल कैसे जिससे कि अभिभावकों की कुछ परेशानी काम हो और सभी गरीब बच्चो को अच्छी शिक्षा का अवसर मिले इसी से शिक्षा के अधिकार कानून का सही तरह से पालन होगा.
– डॉ. जावेद ओहम्मद खान