नई दिल्ली ( तेजसमाचार प्रतिनिधि ) – बुधवार को संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत हंगामेदार हुई. सरकार के खिलाफ कांग्रेस और टीडीपी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई. जिसे लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने मंजूरी दे दी है. इस अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को सदन में बहस होगी. बहस पूरी होने के बाद प्रधानमंत्री इस पर जवाब देंगे और उसके बाद वोटिंग होगी. इससे पहले बुधवार को कांग्रेस और सरकार दोनों ने ही अपने-अपने पक्ष में नबंर होने के दावे किए.
विदित हो कि संसद में सबसे पहला अविश्वास प्रस्ताव अगस्त 1963 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सरकार के खिलाफ पेश किया गया था. लेकिन विपक्ष सरकार गिराने में नाकाम हो गया था इसके बाद से अब तक सदन में 26 से ज्यादा बार अविश्वास प्रस्ताव रखे जा चुके हैं. पहली बार 1978 में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव से सरकार गिरी थी तब मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री थे. इंदिरा गांधी के खिलाफ सबसे ज्यादा अविश्वास प्रस्ताव लाए गए. अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ 2 बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। 1998 में अविश्वास प्रस्ताव से अटल सरकार गिरी थी.
सरकार के खिलाफ लाए प्रस्ताव पर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि कौन कहता है कि हमारे पास संख्याबल नहीं है? इससे पहले बजट सत्र के दौरान भी वाईएसआर कांग्रेस आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेट्स देने को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया था. लेकिन उस समय लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामे के चलते स्वीकार नहीं किया था. अब मॉनसून सत्र के पहले दिन ही सरकार के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. इसके बाद अब मोदी सरकार के लिए अग्निपरीक्षा है.