जलगांव (तेज़ समाचार डेस्क ):शिरपुर स्थित आरसी पटेल अभियांत्रिकी महाविद्यालय में पढ़ रहे कल्पेश पाटील ने रेलवे लाइन में दरारें नजर आने की पूर्व जानकारी देनेवाला ‘स्मिता’ नामक रोबोट बनाया है. कल्पेश पाटील के इस शोध पर उसे गांधीयन यंग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन पुरस्कार घोषित किया गया है. उसके इस सेफ्टी मॉनिटरिंगइ ट्रेन एप्लिकेशन (स्मिता) शोध कार्य को ग्रेडिंग मिली है.
कुछ इस तरह काम करेगा ‘स्मिता’
रेलवे पटरियों में दरारें आने से या फिर निचे पड़ी गिट्टी फिसल जाने से हर साल सेकड़ो जाने जाती हे .इस रोबोट को बनाने के लिए सूचना और अल्ट्रासोनिक सेंसर, कैमरा और जीपीएस तकनीक का उपयोग किया गया है, रोबोट में स्थित आधुनिक उपकरणों द्वारा नियंत्रण नियंत्रण कक्ष में माप प्रदान किया जाएगा। इसमें, ‘स्मिता’ के सभी ऑपरेटिंग सिस्टम सौर ऊर्जा पर चलेंगे ।

इन से मिली प्रेरणा
अपनी इस सफलता पर कल्पेश ने बताया कि उसने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम व जैन उद्योग समूह के संस्थापक भंवरलाल जैन से प्रेरणा ली है.

प्राचार्य डॉ जे. बी. पाटील, उपप्राचार्या डॉ पी. जे. देवरे, प्रा स्मितल पाटील, रोहित आसापुरे, धनश्री महाजन, कामना भदाणे, जयेश बारी, दिव्यांनी राजपूत ने सहयोग किया.कल्पेश के काल्पनिक मस्तिष्क की कल्पना देश के विकास में, भारतीय रेल के विकास में, और रेलवे के विकास में मदद करने के लिए इस उपलब्धि पर उसे संस्थाध्यक्ष अमरीश पटेल, कार्याध्यक्ष भूपेश पटेल, उपाध्यक्ष राजगोपाल भंडारी, नगराध्यक्ष जयश्री पटेल, प्राचार्य डॉ जेबी पाटील, डॉ पीजे देवरे ने शुभकामनाएं दी हैं.
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