अकोला(तेज समाचार डेस्क). शहर समवेत जिले के बहुचर्चित किशोर खत्री हत्याकांड की सुनवाई दि्वतीय जिला व सत्र न्यायाधीश के न्यायलय में जारी है। इस मामले में अब तक करीब २० गवाहों के बयान दर्ज हो चुके है। जिसके बाद ११ जुलाई को बयान दर्ज करवाया गया था जिसमें आरोपियों ने सरकार पक्ष द्वारा पेश किए गए गवाह तथा आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
इस मामले की सुनवाई बुधवार को दुबारा आरंभ हुई। सरकार की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता उज्जवल निकम ने कहा कि आरोपियों पर लगाए जा रहे आरोपों पर वह केवल(No) ना का जवाब दे रहे है। जिसका कानून की नजर में कोई भी तर्क नहीं निकलता। किशोर खत्री हत्याकांड के इस अभियोग में आरोपी रणजीतसिंग चुंगडे व जस्सी चव्हाण का इरादा साफ था कि वह किशोर खत्री की हत्या करेंगे। लेकिन आरोपी इतने शातिर है कि खोलेश्वर में बैठक के दौरान मृतक समेत अन्य किसी को भी संदेह होने नहीं दिया कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है। आरोपियों ने कोल्ड माइंड यानी काफी होशयारी से कांड को अंजाम दिया। उन्होने कहा किशोर खत्री हत्याकांड दो मुख्य बिंदुओ पर आधारित है जिसमें हत्या का स्पष्ट उद्देश्य, परिस्थितिजन्य सबूत है।
आरोपियों के खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों के बावजूद वह केवल (No) ना कह रहे है जिससे स्पष्ट है कि उनकी इस हत्याकांड में बराबरी की भूमिका है।कुछ तो है जो वह छुपा रहे है।कुछ बताने से परहेज कररहे है। सरकार पक्ष के सामने हत्या का मकसद, आरोपियों की सहभागिता तथा इस्तेमाल किए गए शस्त्रों को साबित करने की काफी बड़ी चुनौती है। जिसे सरकार पक्ष ने बखूबी अंजाम दिया है मृतक के शरीर में मिली गोली जिस बंदूक से चली है तथा उसमें की अन्य गोलियां के सभी जरूरी दस्तावेज के साथ पेश किया गया है जो विश्वासपूर्ण और जरूरी है। पुलिस अपनी जांच के दौरान एक-एक मणि जमा कर हमारे पास लाती है और सरकार पक्ष उन मणियों का चयन कर एक उत्कृष्ठ हार बनाने का प्रयास करता है। उक्त मामले के समय आरोपी एव मृतक को नागरिको ने एक ही गाड़ी में जाते देखा था तथा बाद में पुलिस को जांच के समय गाड़ी लॉक मिली थी जिसमे दो बंदूके एक मे 4 गोलियां, दूसरी में 2 गोलियां मौजूद थी बंदूक की मैग्जीन एवं मृतक के शरीर से निकलू हुई गोलियां मॅच कररही थी यह बात भी अधिवक्ता उज्वल निकम ने न्ययालय में पेश की। इस संदर्भ में अगली जिरह आज होंगी