जामनेर (नरेंद्र इंगले):दिल्ली के जंतर – मंतर पर हुए आंदोलन मे कथित असामाजिक तत्वो द्वारा ” भारत के संविधान ” के अभद्र अवमानना के दोषीयो पर देशद्रोह के मामले दर्ज कराने के बजाय मुकदर्शक बनी दिल्ली पुलिस और संसद मे बैठे जन प्रतिनिधीयो कि गुलाम मानसिकता कि जितनी निंदा कि जाए उतनी कम है . मामले मे आरोपी श्रीनिवास पांडे तथा सहयोगियो पर अनुछेद 51 के उल्लंघन तहत तत्काल देशद्रोह के मुकदमे दायर करे ऐसी मांग बहुजन विचारक किशोर तायडे ने कि है .
केंद्र मे नित मोदी सरकार मे मनूवाद कि गतविधीया अधिक तेज हो गयी है ऐसा कटाक्ष तायडे ने किया . दिल्ली कि घटना के खिलाफ क्षेत्र के सभी परीवर्तनवादी संगठनो ने धिक्कार मोर्चा का आयोजन किया था . निगम के सभागार मे डा बाबासाहब आंबेडकर कि प्रतिमा को अभिवादन कर आंदोलको ने कोतवाली का रुख किया . भारत मुक्ति मोर्चा प्रमुख राजु खरे ने कहा कि दिल्ली कि घटना ने यह साबीत कर दिया है की संविधान के विरोध मे कौन है , बहुजनो कि एकता से व्यथित तत्व इस तरह कि हरकतो पर उतर आए है , मौका ए वारदात पर तमाशबीन बनी पुलिस कि भी निंदा करना जरुरी है .
आंदोलको ने थाना प्रभारी को मेमोरंडम सौंपते दोषीयो पर देशद्रोह के मामले कलमबद्ध कराने कि मांग कि जिसपर पुलिस प्रभारी प्रतापसिंह शिकारे और आंदोलको के बीच जरासी संवैधानिक बहस हुयी . शिकारे ने कहा कि तकनिकि दिक्कतो के निवारण पश्चात इस मामले को तत्काल दर्ज कर लिया जाएगा अभी तो हम आला अधिकारीयो का मार्गदर्शन लेकर कार्रवायी को सुनिश्चित करेंगे . आंदोलन मे भगवान सोनवने , पांडूअप्पा पाटील , धनराज चव्हान , विश्वास साबले , भरत पाखरे , प्रल्हाद बोरसे , सुनिल सपकाल , सुमेध खरे , पप्पू पाटील , सुधाकर सुरवाडे , शेख बुरहान , अब्दूल वाहब , रवी बंडे , प्रभु झालटे समेत सैकडो कार्यकर्ता मौजुद रहे .

