पंढरपुर (तेज समाचार डेस्क). जहां एक ओर बकरी ईद को लेकर पूरे देश में राजनीति गरमाई हुई है, वहीं मुस्लिम समाज के कुछ समझदार लोग ऐसे भी है, जो हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के बीच सौहार्द को महत्व देते है. इसके उदाहरण भी पूरे देश में देखने और सुनने को मिल रहे हैं. कुछ लोगों ने केरल में आयी महाप्रलय के कारण बुधवार को ईद नहीं मनाई, तो कुछ लोगों ने बड़ी ही सादगी से यह त्यौहार मनाया. लेकिन पंढरपुर के मुस्लिम समाज के लाखों लोगों ने एक अलग ही मिसाल पेश की है. इस समय हिन्दुओं का श्रावण मास चल रहा है और बुधवार को श्रावणी एकादशी भी थी. इस बात को ध्यान में रखते हुए पंढरपुर के मुस्लिमों ने श्रावणी एकादशी पर बकरे की कुर्बानी न देते हुए सिर्फ नमाज पढ़ कर बकरी ईद का त्योहार मनाया. इस समय बताया गया कि श्रावणी एकादशी और बकरी ईद एक ही दिन आने के कारण ईद की कुर्बानी रद्द करने का निर्णय मुस्लिम समाज की ओर से लिया गया.
– साढ़े तीन लाख से अधिक भक्तों ने किए दर्शन
श्रावण शुद्ध एकादशी के निमित्त भगवान विट्ठल के दर्शन करने के लिए साढ़े तीन लाख से अधिक भक्त बुधवार को पंढरपुर पहुंचे. मंदिर परिसर, प्रदक्षिणा मार्ग, चंद्रभागा तट यानी लगभग पूरे शहर में ही बुधवार को विट्ठल भक्तों की भीड़ देखी जा रही थी. ऐसे में बुधवार को ही मुस्लिमों का त्यौहार बकरी ईद भी आ गया. विट्ठल भक्तों को बकरी ईद पर दी जानेवाली कुर्बानी से भावनात्मक परेशानी न हो, इस भावना को ध्यान में रखते हुए मक्का मस्जिद के इमाम हाफिज शेख, अध्यक्ष निसर शेख और समाज के अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने एकजुट हो इस वर्ष ईद पर कुर्बानी न देने का निर्णय लिया.
– हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल रहा है पंढरपुर
पंढरपुर सदैव से ही हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल रखनेवाला शहर रहा है. इससे पहले भी जब-जब एकादशी और बकरी ईद एक साथ आयी है, तब-तब मुस्लिमों ने कुर्बानी को रद्द किया है. मक्का मस्जिद के अध्यक्ष निसर शेख ने कहा कि हम लोग आज की कुर्बानी कल यानी गुरुवार को देंगे.
– केरल के आपदग्रस्तों के लिए मदद की अपील
इसके साथ ही केरल में आयी महाप्रलय में बेघर हुए नागरिकों की मदद के लिए मुस्लिम समाज को दिल खोल कर मदद देने की अपील भी इस समय इमाम हाफिज शेख ने की है.