जामनेर (तेज़ समाचार प्रतिनिधि ):मानसून कि झमाझम और कृषि पुरक बारीश के चलते तहसिल क्षेत्र के 70 फीसदी जलाशय पूर्ण क्षमता से भर चुके है . वहि खडकि नाले पर बने तोंडापुर बाँध को अभी भी मुसलाधार वर्षा कि प्रतिक्षा है तोंडापूर जलाशय मे महज 25 प्रतिशत पानी शेष बचा है . कमानी तांडा , देवली गोगडी जैसे बाँध पर्याप्त बारीश के अभाव से भर नहि सके है . फत्तेपुर के निकट कांग नदी पर बना बाँध ओवरफ्लो हो गया है . वाघुर – कांग – सुर नदी के संगम से मिलाकर जलभंडारण हेतू बनाया गया 12 TMC क्षमता वाला वाघुर बाँध इन सभी नदीयो को आए जलप्रपात से 45 फीसदी तक भर चुका है .
वाघुर प्रकल्प के पूर्व अधिकारी श्री सी के पाटील ने बताया कि मानसून के पहले वाघुर बाँध मे 33 प्रतिशत पानी था जो अब देड मिटर तक बढकर 45 फीसदी हो गया है . विदीत हो कि वाघुर से कृषि सिंचायी के लिए 2011 से चलायी जा रहि लिफ़्ट ईरीगेशन योजना का काम भी अब अंतिम चरण मे आ पहुचा है . सिंचायी तथा पेयजलापूर्ति के लिए वाघुर का पानी से लबालब होना जरुरी है . वहि क्षेत्र के पुर्वी छोर पर बसे वाघारी और दक्षिनी छोर के शेंदुर्नी जिला परीषद गुटो मे उपलब्ध छोटे छोटे जलाशयो मे जलसंग्रह के लिए अब भी बारीश कि आवश्यकता है . क्षेत्र मे इस साल मक्के कि बंपर बुआयी हुयी है आवश्यकता अनूसार बारीश से फसलो कि स्थिती बेहतर है . कुछेक जगहो से कपास पर बोंडइल्ली के संक्रमण कि खबरे आ रहि है . मानसून का अवधी अभी किसान त्योहार पोला तक बाकि है जिसके चलते किसानो को उत्तरा तथा पुर्भा इन नक्षत्रो मे होने वाली मुफीद बारीश कि आस है . कहा जाता है कि इन नक्षत्रो मे हुयी बारीश का पानी जमिन कि भुधारणा क्षमता के लिए काफी फ़ायदेमंद होता है .