नई दिल्ली ( तेज समाचार प्रतिनिधि ) – निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की संभावना से इनकार करने के कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि एक साथ चुनाव कराने पर चर्चा तेज हो रही है क्योंकि लोग इस पर अपने विचारों को साझा कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 47वें संस्करण में कहा कि देश में केंद्र व राज्यों में एक साथ चुनाव कराने की चर्चा तेज हो रही है. लोग इसके समर्थन व खिलाफ में अपने विचारों को साझा कर रहे हैं. यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत है.
श्री मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात के 47 वें संस्करण में संसद के मानसून सत्र में कामकाज का उल्लेख करते हुए कहा कि सामाजिक बदलाव के बिना आर्थिक प्रगति अधूरी है. लोकसभा में तीन तलाक विधेयक पारित कर दिया गया है हालांकि यह राज्यसभा के इस सत्र में पारित नहीं हो पाया है. लेकिन मुस्लिम महिलाओं के साथ देश न्याय करेगा. सामाजिक बदलाव के बिना आर्थिक प्रगति को अधूरी करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि देश मुस्लिम महिलाअों के साथ न्याय करेगा.
उन्होेंने कहा, मैं मुस्लिम महिलाओं को विश्वास दिलाता हूँ कि पूरा देश उन्हें न्याय दिलाने के लिए पूरी ताक़त से साथ खड़ा है. जब हम देशहित में आगे बढ़ते हैं तो ग़रीबों, पिछड़ों, शोषितों और वंचितों के जीवन में बदलाव लाया जा सकता है.
बलात्कार के दोषियों को कड़ी सजा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की नारी शक्ति के खिलाफ़ कोई भी सभ्य समाज किसी भी प्रकार के अन्याय को बर्दाश्त नहीं कर सकता. बलात्कार के दोषियों को देश सहन करने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए संसद ने आपराधिक कानून संशोधन विधेयक पारित कर कठोरतम सज़ा का प्रावधान किया है. दुष्कर्म के दोषियों को कम-से-कम 10 वर्ष की सज़ा होगी, वहीं 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म पर फाँसी की सज़ा होगी.
उन्होेंने मध्य प्रदेश के मंदसौर और कटनी की अदालतों द्वारा दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा देने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कानून महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ़ अपराध के मामलों को रोकने में प्रभावी भूमिका निभायेगा.
उन्होंने यह भी कहा कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चुनावी प्रक्रिया में मौलिक सुधार लाया और जन प्रतिनिधि से जुड़ी कमियों को साहस के साथ हटा दिया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास करना, सर्वोत्तम प्रथाओं को विकसित करना, चर्चा को खुले मन से आगे बढ़ाना भी अटल जी को एक सर्वोत्तम श्रद्धांजलि होगी.