जामनेर (तेज़ समाचार प्रतिनिधि ):21 अक्तूबर कि सुबह जामनेर मे शांतिदुत महात्मा गांधीजी के नाम से परीचीत चौक मे पूर्वग्रह दूषित भावना से प्रेरीत उपद्रवीयो द्वारा मराठी अखबार के पत्रकार को दिनदहाडे लाठी और डंडो से पिटा गया . इस वारदात मे शामील भाजपा पार्षद बाबुराव हिवराले के बेटे विलास समेत अन्य 5 अभियुक्तो पर विभिन्न आईपीसी धाराओ तहत कोतवाली मे पिडीत के तहरीर पर फ़ौजदारी दायर कि गयी है . FIR मे नए पत्रकार संरक्षण कानून को इस लिए जोडा नहि गया क्यो कि सुत्रो के मुताबीक उसका आधिकारीक सरकारी अध्यादेश हि नहि निकल सका है . आज 22 अक्तूबर दोपहर को तहसिल क्षेत्र के लगभग सभी अखबारो के संवाददाताओ ने लामबंद होकर उक्त घटना के धिक्कार के लिए काले फीते लगाकर मोर्चा का आयोजन किया . तहसिल कचहरी तक निकले इस पैदल मार्च मे पिडीत पत्रकार सैय्यद लियाकत अली जो उपद्रवीयो कि पिटायी मे घायल हुए थे वह अपनी टूटी हुयी टान्ग को ग्लोज बाँधकर शामील हुए .
पहुर , शेंदुर्नी , तलेगांव , जलगांव से भी लोकतंत्र के कयी प्रहरीयो ने इस आंदोलन मे शिरकत कि . कचहरी पहुचे पत्रकारो ने स्थानीय मिडीया चैनल्स को दिए साक्षात्कार मे उक्त घटना कि निंदा कि और साथ हि पत्रकार संरक्षण कानून लाने कि मांग भी . दौरान पीडीत लियाकत ने टीवी मिडीया मे दिए अपने बयान मे मामले से जुडे कयी सनसनीखेज खुलासे किए है जिसकि तार्कीक चिकित्सा के उपरांत निश्चित रुप से यह उम्मीद करना ठीक होगा कि नागरीको को यह पुरा खेल बखूबी समझ मे आ गया होगा . क्यो कि इस पिटायी के लिए उपद्रवीयो द्वारा सैय्यद लियाकत कि कि गयी निशानदेहि भी काफ़ी संदेहस्पद है .
पत्रकार पिटायी मामले मे सभी अभियुक्तो के गिरफ्तारी कि बात के बाद मामले पर नजर बनाए शुभचिंतको ने बताया कि कोर्ट मे पेशी के बाद सभी अभियुक्तो को स्थानीय अपराध शाखा कि हिरासत मे भेजा गया है . जिसकी आधिकारीक स्पष्टता नहि हो सकि है . विदीत हो कि महिने पहले गोतस्करी के झूठे आरोप मे मौब लिंचिग का शिकार बनाए गए अल्पसंख्यांक समुदाय के युवक कि पिटायी के मामले मे भी उपद्रवीयो द्वारा कुछ इस तरह कि रणनिती अपनायी गयी थी जो अब लियाकत के मामले मे अपनायी गयी है .