मुंबई (तेज समाचार डेस्क). गांधी विचार मंच के अध्यक्ष मनमोहन गुप्ता ने कहा कि मुंबई की लोकल गाड़ियों में स्वचालित दरवाजे न होने से दर्जनों लोग रोज हादसों के शिकार होते हैं, इनमें से कई लोगों को जान गंवानी पड़ती है, वहीं कई लोग अपाहिज होकर घुट-घुट कर जीवन जीने को मजबूर रहते हैं. गुप्ता बोरीवली प. स्थित नंद नंदन भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
– यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरूरी
उन्होंने कहा कि लोकल की गाड़ियों के दरवाजे खुले रहने से लोग गेट पर खड़े हो जाते हैं. ऐसे में जरा सा झटका लगने से यात्री नीचे गिर जाते हैं. रेलवे कर्मचारियों की उदासीनता के कारण समय पर घायलों को उपचार नहीं मिल पाता है, घायलों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में अधिकांश घायल घटना स्थल पर ही दम तोड़ देते हैं. वहीं कई लोग अपंग होकर परिवार पर बोझ बन जाते हैं. इन लोगों में जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक रहती है, उन्हें थोड़ी राहत रहती है, लेकिन जिनकी माली हालत खराब रहती है, उनका जीवन नर्क हो जाता है.
– हर बार मिलते हैं सिर्फ आश्वासन
गुप्ता ने कहा कि इन समस्याओं को देखते हुए गांधी विचार मंच कई बार रेलवे के आला अधिकारियों से मुलाकात कर चुका है. लेकिन आश्वासनों की बौछार के अलावा कुछ कारगर उपाय अभी नहीं किए जा सके हैं. उन्होंने कहा यदि ट्रेनों में स्वचालित दरवाजों की व्यवस्था हो जाए तो लोग गेट पर खड़े नहीं हो सकेंगे. जिससे हादसे नहीं होंगे. गुप्ता ने कहा कि मुंबई में चल रही मैट्रो एवं मोनो रेल इसका उदाहरण है. स्टेशन से मैट्रो के रवाना होने से पहले ही दरवाजे खुद बंद हो जाते हैं और अगले स्टेशन पर पहुंचते ही स्वयं खुल जाते हैं. इससे यात्री गेट पर खड़े नहीं रह सकते हैं और हादसे आसानी से टाले जा सकते हैं.

