मुंबई (तेज समाचार डेस्क). ग्लोबल कार्ड पेमेंट कंपनी मास्टरकार्ड ने आशंका व्यक्त करते हुए आरबीआई से कहा है कि वह विदेशी सर्वरों से भारतीय कार्डधारकों के डेटा डिलीट कर देगी, लेकिन डेटा डिलिट करने से एक समय के बाद कार्ड की सुरक्षा में कमी आएगी. आरबीआई ने 16 अक्टूबर से कार्ड पेमेंट कंपनियों के लिए नए नियम लागू किए थे. इसके मुताबिक कंपनियों को भारतीय ग्राहकों के ट्रांजेक्शन संबंधी सभी डेटा देश में ही स्टोर करने पड़ेंगे. साथ ही विदेशी सर्वरों में स्टोर पुराना डेटा डिलीट करना पड़ेगा.
– पूरी तरह से हो रहा गाइडलाइंस का पालन
मास्टरकार्ड का कहना है कि उसने 6 अक्टूबर से ही भारतीयों से लेन-देन के डेटा पुणे स्थित टेक्नोलॉजी सेंटर में स्टोर करना शुरू कर दिया था. कंपनी ने विदेश में स्थित पुराने डेटा एक निश्चित तारीख से डिलीट करने का प्रस्ताव भी आरबीआई को दिया है. जिस पर रिजर्व बैंक का जवाब मिलना बाकी है. लेकिन, मास्टरकार्ड को आशंका है कि पुराने डेटा डिलीट करने से ट्रांजेक्शन संबंधी विवाद हो सकते हैं.
मास्टरकार्ड के इंडिया एंड डिवीजन प्रेसिडेंट (साउथ एशिया) पोरुश सिंह ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि कंपनी 200 से ज्यादा देशों में बिजनेस कर रही है. लेकिन, भारत के अलावा किसी और देश ने ग्लोबल सर्वर से डेटा डिलीट करने के लिए नहीं कहा.