जामनेर (नरेंद्र इंगले ). कई ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासतों और धरोहरों का साक्षीदार रहे तथा इतिहासकारों के मुताबिक संतश्री साईबाबा के पदस्पर्श से पुनीत जामनेर शहर में साल 1971 में शुरू किए गए शालीमार उपहार गृह ने स्वयं को आज 48 साल के अविरत योगदान के बाद नए लुक में ग्राहकों की सेवा में पेश किया है. 24 दिसंबर की सुबह शालीमार का शुभारंभ शहर की लोकनियुक्त नगराध्यक्ष्य साधना महाजन ने किया.
इस वक्त शालीमार के संचालक राजुसेठ शर्मा भी मौजूद रहे, जो कि जामनेर के बहुआयाम में मितभाषी तथा सम्माननीय व्यक्तित्व के रुप मे पहचाने जाते है. वह जामनेर तालुका एज्युकेशन सोसायटी मे कई वर्षो तक सिनीयर संचालक भी रहे हैं. वैसे तो शालिमार इस अल्फाज के मायने प्रकृतिक सौंदर्य से सजी हुई सज्जा होता है लेकिन शहर की खानपान तथा मिठाई संस्कृति में शालिमार ऊपहार गृह का अपना अलग स्थान और पहचान इससे अलहदा नहीं है.
अमर शर्मा ने अपने पिता राजुसेठ शर्मा के मार्गदर्शन मे “शालिमार” को एक नए लुक के साथ जनता के बीच प्रस्तुत किया है, जिससे आम लोगों को मंगलकार्यो तथा बधाई सेलिब्रेशन्स में बीते 48 सालों से गुणवत्ता की कसौटी पर खरे उतरे शालिमार के अपनेपन के नए अहसास कि अनूभुती मिलेगी. इस शुभारंभ समारोह मे शामिल होने के लिए जामनेर के सभी गणमान्यो ने हाजरी लगायी.