पुणे (तेज समाचार डेस्क). सेना व राज्य कामगार बीमा योजना के लिए इस्तेमाल की जा रही दो प्रकार की दवाएं खुले बाजार में सरेआम बेचने का मामला उजागर हुआ है. खाद्य एवं दवा प्रशासन द्वारा पुणे में 4 सप्लायर्स से सवा तीन लाख रुपए मूल्य की दवाएं जब्त की गई है.
किसी भी विशेष योजना के लिए तय दवाओं पर संबंधित कंपनी द्वारा स्पष्ट लिखा होता है कि इन दवाओं को खुले मार्केट में बेचा नहीं जा सकता, किंतु कुछ सप्लायर्स द्वारा ये दवाएं बेचने का मामला उजागर हुआ है. दो दवा कंपनियों द्वारा मुंबई में सेना व राज्य बीमा योजना के लिए जनुविया व गैलवस नामक टैबलेट सप्लाई की जाती है. इन टैबलेट के रैपर पर वैसा स्पष्ट भी किया गया है, किंतु इन टैबलेट्स की प्राइवेट सप्लाई की जानकारी खाद्य व दवा प्रशासन को मिली. इस पर प्रशासन द्वारा मुंबई में कुछ दवा सप्लायर्स की दुकान में छापेमारी की गई, जिसमें लाखों रुपए मूल्य की सेना व कामगार बीमा योजना की दवाएं खुले मार्केट में बेचने का मामला सामने आया है. कुछ लोगों ने यह दवा कंपनियों के एजेंट द्वारा मार्केट में आई होगी, यह आशंका जताई जा रही है.
खाद्य एवं दवा प्रशासन के सह आयुक्त एस.बी. पाटिल ने बताया कि दवा कंपनी के निर्माता इन दवाओं के रैपर पर सिर्फ सरकारी सप्लाई के लिए यह स्पष्ट प्रकाशित करते हैं, किंतु छापेमारी में यह वाक्य मिटाया हुआ पाया गया. इस कारण संबंधित सप्लायर्स को यह टैबलेट बेचने में कोई समस्या नहीं हुई और कई दवा विक्रेताओं ने यह दवा खरीदी है. इस मामले की जांच-पड़ताल शुरू की गई है. इस संदर्भ में नोटिस भेजकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. पाटिल द्वारा यह स्पष्ट किया गया है.
खाद्य एवं दवा प्रशासन के सह आयुक्त एस.बी. पाटिल ने बताया कि दवा कंपनी के निर्माता इन दवाओं के रैपर पर सिर्फ सरकारी सप्लाई के लिए यह स्पष्ट प्रकाशित करते हैं, किंतु छापेमारी में यह वाक्य मिटाया हुआ पाया गया. इस कारण संबंधित सप्लायर्स को यह टैबलेट बेचने में कोई समस्या नहीं हुई और कई दवा विक्रेताओं ने यह दवा खरीदी है. इस मामले की जांच-पड़ताल शुरू की गई है. इस संदर्भ में नोटिस भेजकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. पाटिल द्वारा यह स्पष्ट किया गया है.