प्रधानमंत्री करेंगें मनमाड इंदौर रेलमार्ग का भूमिपूजन
धुलिया ( के. गोपाल तेजसमाचार के लिए ) – शनिवार 16 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धुलिया में बहुप्रतीक्षित इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन प्रोजेक्ट का भूमिपूजन करेंगें. प्रधानमन्त्री धुलिया जिले की सुलवाड़े – जामफल सिचाई योजना का भी शुभारम्भ करेंगें. नरेन्द्र मोदी की सभा , भूमिपूजन का कुल 45 मिनट का तय कार्यक्रम है. वह नईदिल्ली से नागपुर होते हुए विशेष विमान से जलगाँव हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे. जहाँ से वह एक हेलीकाप्टर की सहायता से धुलिया रवाना होंगे.
जानकारी मिली है कि प्रधानमंत्री मोदी धुलिया में सांसद व मंत्री सुभाष भामरे के पारिवारिक कैंसर अस्पताल इकाई का भी शुभारम्भ करेंगें.
प्रधानमंत्री के धुलिया दौरे को लेकर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये गए हैं. इस बीच प्रधानमन्त्री के हेलीपेड से कार्यक्रम स्थल तक जाने के लिए विशेष बुलेट प्रूफ कार को भी दिल्ली से मंगवाया गया है. प्रधानमन्त्री शनिवार को दोपहर १.१० बजे नागपुर से जलगाँव के लिए विशेष विमान से रवाना होंगें. धुलिया के विमानतल का रनवे सुलभ न होने के कारण प्रधानमंत्री का विमान जलगाँव उतरेगा. जहाँ से वह दोपहर 2.०० बजे हेलिकोप्टर से धुलिया के लिए रवाना होंगे. अपने तय कार्यक्रम को पूरा करते हुए प्रधानमन्त्री सायं 3.५५ बजे धार मध्यप्रदेश के लिए रवाना हो जायेंगें.
पिछले दिनों गडकरी ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में संकेत दिए थे कि एक माह में इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन का भूमिपूजन करने की तैयारी है. इसी के बाद दिल्ली में इस विषय पर चिंतन प्रारंभ हो गया. रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे लोकसभा चुनाव से पहले प्रोजेक्ट का भूमिपूजन कराना चाहते हैं ताकि उन्हें चुनावों में इसका फायदा मिले और जनविरोध न झेलना पड़े. हाल ही में हुए नगर निकायों चुनाव में डॉ. भामरे को स्थानीय विधायक व बागी भाजपा नेता अनिल गोटे के विरोध का सामना करना पडा है.
धुलिया में भूमिपूजन कार्यक्रम रखने के पीछे मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा का लोकसभा चुनाव में फायदा उठाने का मानस व्यक्त किया जा रहा है. इस योजना से दोनों ही राज्यों के बड़े पिछड़े और रेल विहीन क्षेत्र को फायदा होगा.
परियोजना के बारे में बता दें कि लगभग 8574.79 करोड़ रुपए की इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना 362 किलोमीटर लंबी है. इसका निर्माण पोर्ट-रेल कनेक्टिविटी कॉर्पोरेशन कर रहा है. 362 किमी की इस परियोजना के अंतर्गत मप्र में मनमाड़ लाइन का 176 किमी जबकि महाराष्ट्र में 186 किमी हिस्सा रहेगा. इंदौर-मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट के तहत महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में नए पुल-पुलियाएं बनाने के टेंडर मंगवाए जा चुके हैं. अब प्रधानमंत्री मोदी के हांथों भूमिपूजन के बाद महाराष्ट्र के ही कुछ हिस्सों में प्रोजेक्ट का काम होगा. मध्यप्रदेश में अभी जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया ही शुरू नहीं हो पाई है. इस लिए अभी वहां काम में तेज़ी नहीं आई है. मध्यप्रदेश में सरकार बदलने के बाद से अब कार्य में बदलाव के बारे में भी अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है.
विगत 28 अगस्त, 2018 को जहाजरानी मंत्रालय, रेल मंत्रालय, महाराष्ट्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के मध्य इंदौर-मनमाड नई रेलवे लाइन परियोजना के कार्यान्वयन हेतु समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया.
इस नई परियोजना से मुंबई/पुणे और महत्वपूर्ण मध्य भारत के प्रमुख स्थानों से 171 किमी. तक की दूरी कम हो जाएगी. जिसके परिणामस्वरूप परिवहन लागत में कमी आएगी.
इस रेलवे लाइन की लंबाई 362 किमी. है.और यह नई रेल लाइन इगतपुरी, नासिक, सिन्नर, पुणे, खेड, धुलिया, नरडाना, शिरपुर और सेंधवा से होकर गुजरेगी. इस परियोजना की पूर्णता अवधि 6 वर्ष है.
इस परियोजना के शुरू होने के 10 वर्षों के भीतर परिचालन से 15,000 करोड़ रुपये का आर्थिक लाभ प्राप्त होने का अनुमान है. परियोजना से लखनऊ, आगरा, ग्वालियर एवं कानपुर तथा इंदौर-धुले-भोपाल क्षेत्रों से जेएनपीटी और मुंबई तक के परिवहन लागत में कमी आएगी.