पुणे (तेज समाचार डेस्क). शहर के छोटे फेरीवालों के लिए महापालिका ने सकारात्मक निर्णय लिया है. इन लोगों से जो शुल्क वसूला जाता था, उसका अनुपात बड़े फेरीवालों जैसा ही था. इसलिए इसमें कटौती करने की मांग की जा रही थी. अपीलेट कमेटी में इस शुल्क में 50 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला लिया गया था. फेरीवालों से 2016 से बकाया राशि वसूलने के बजाय 2017 से यह राशि वसूलने का फैसला भी इस बैठक में लिया गया था. लेकिन असल में इस पर अमल नहीं हो पा रहा था. फेरीवालों से पहले जैसे ही शुल्क वसूला जा रहा था. इस वजह से फेरीवाले व्यावसायिक पंचायत परेशान थी.
हाल ही में इन लोगों ने मनपा आयुक्त व महापौर से मिलकर इस निर्णय पर अमल करने की मांग की थी. लेकिन अपीलेट कमिटी में कोई फैसला नहीं हो पा रहा था. इस वजह से इन लोगों ने हाल ही में पालकमंत्री गिरिश बापट से मुलाकात कर उनसे शिकायत की थी. इस पर पालकमंत्री ने विधायक व मनपा पदाधिकारियों की एक कमिटी बनाकर उसमें फैसला लेने के निर्देश दिए थे. इसके अनुसार अब 5 लोगों की कमिटी ने शुल्क कम किया है. यह शुल्क लगभग 50 प्रतिशत कम किए गए है. इस शुल्क क अनुसार अब फेरीवालों से वसूली होगी. इससे संबंधित प्रस्ताव भी महापालिका प्रशासन की ओर से तैयार कर उसे मंजूरी के लिए आयुक्त के समक्ष रखा है.
– 2017 से बकाया राशि वसूलने का लिया था फैसला
ज्ञात हो कि ए जोन में व्यवसाय करनेवाले फेरीवालों से प्रति दिन 100 से 200 रुपए का शुल्क लेने का फैसला हाल ही में महापालिका प्रशासन की ओर से लिया गया था. लेकिन इसका विरोध हो रहा था. इसे कम करने के लिए अपीलेट कमेटी की बैठक आयोजित की गयी थी. इस बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार ये दर अब 50 से 100 रुपए रहेंगे. क्योंकि शहर में ए जोन में बड़े फेरीवालों के साथ ही छोटे व्यावसायिक भी बैठते हैं. यानी कपड़ा बेचनेवाले फेरीवालों के साथ ही पूजा सामग्री, शरबत, नारियल का पानी, इमली-बेर, बेचनेवाले छोटे फेरीवाले भी होते हैं. इन लोगों के लिए पहले दर ज्यादा होते थे, इस वजह से यह दर कम करने का फैसला लिया गया. ए++ के दर में भी कटौती की गयी. यह दर अब 400 से कम कर 300 तक लागए गए है. फेरीवालों से 2016 से बकाया राशि वसूलने के बजाय 2017 से यह राशि वसूलने का फैसला भी इस बैठक में लिया गया था.
इससे संबंधित सभी अधिकार अतिक्रमण निरीक्षक को दिए हैं. जो काम में लापरवाही बरतेंगे, उन लोगों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. ऐसा भी कहा गया था. लेकिन असल में इस पर अमल नहीं हो पा रहा है. फेरीवालों से पहले जैसे ही शुल्क वसूला जा रहा है. इस वजह से फेरीवाले व्यावसायिक पंचायत परेशान है. हाल ही में इन लोगों ने मनपा आयुक्त व महापौर से मिलकर इस निर्णय पर अमल करने की मांग की थी. लेकिन अपीलेट कमिटी में कोई फैसला नहीं हो पा रहा था.
– विधायक व मनपा पदाधिकारियों की बनायी है कमिटी
इस वजह से इन लोगों ने हाल ही में पालकमंत्री गिरिश बापट से मुलाकात कर उनसे शिकायत की थी. इस पर पालकमंत्री ने विधायक व मनपा पदाधिकारियों की एक कमिटी बनाकर उसमें फैसला लेने के निर्देश दिए थे. इसके अनुसार अब 5 लोगों की कमिटी ने फैसला लिया है. इस कमिटी में विधायक माधुरी मिसाल, विधायक मेधा कुलकर्णी, महापौर मुक्ता तिलक, सभागृह नेता श्रीनाथ भिमाले व स्थायी समिति अध्यक्ष योगेश मुलिक का समावेश किया गया है. प्रशासन के प्रस्ताव के अनुसार ज्यादा दर जो हैं, जिसमें 200 व 300 रुपए का समावेश है, ये दर कम करने का काम कमिटी ने किया है. ये दर लगभग 50 प्रतिशत कम किए गए हैं. इससे संबंधित प्रस्ताव भी अतिक्रमण विभाग ने तैयार कर उसे मंजूरी केलिए आयुक्त के समक्ष रखा है. इससे फेरीवालों को राहत मिल गयी है.
फेरीवाला गुट पुराने दर नए दर
ए++ 300 200
ए+ 200 100
ए 100 50
बी 50 25
सी 25 20
ई गुट के मजदूर 5 5