
हिंदी फिल्मों में लक्ष्मीकांत बेर्डे से लेकर सुपर सितारे गोविंदा तक ने उनकी स्टाइल की नकल की है। सन 1986 में आई हिंदी फिल्म “अंधेरी रात में , दीया तेरे हाथ में ” निम्न मध्यम वर्ग के लोगों में सुपर हिट साबित हुई । यह कहानी थी गुल्लू नाम के भोले मराठी ग्रामीण आदमी की जो धारियों वाला कच्छा पहनता है। बाहर नाड़ा लटकता रहता है। एक बंजारन है जो दर्शकों की सेक्सुअल फैंटेसी को गुदगुदाती है। फिर बाकी कमी अलग-अलग स्थितियां और संवाद पूरी कर देते हैं। हीरोइन का ये रोल ऊषा चव्हाण ने किया था जो कोंडके की ज्यादातर फिल्मों में हीरोइन होती थीं। इस फ़िल्म के चरित्र बाद कि कई हिंदी फिल्मों में उठाये गए। कोंडके विवादास्पद रहे । लेकिन वे उन चुनिंदा कलाकरों में रहे जिनका अपना विशेष दर्शक वर्ग रहा ।