पुणे (तेज समाचार डेस्क). जिले के पहाड़ी और आदिवासों क्षेत्रों के गरीबों को स्वास्थ्य सेवाओं का नि:शुल्क लाभ मिले, इसके लिए जिला परिषद के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चलाए जाते है. इन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए करोड़ों रुपए की दवाएं खरीदी जाती हैं, लेकिन ये दवाएं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पहुंचाने की बजाय जिला परिषद के गोदाम के भंगार टेम्पो में रखी जाती है. यह खुलासा जिला परिषद सदस्य शरद बुट्टे-पाटिल ने किया है.
– 2014-15 में खरीदी गई थी दवाएं
बुट्टे पाटिल के अनुसार भंगार टेम्पो में मिली दवाएं पुणे जिला परिषद ने 2014-15 में करोड़ों रुपए खर्च कर खरीदी थी. दुर्भाग्यवश 2016 में ये सभी दवाएं एक्सपायर हो गई. यदि इन दवाओ को समय पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पहुंचाया जाता, तो अनेक गरीबों को इन दवाओं से स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है.
– जांच कर दोषियों पर हो कार्रवाई
बुट्टे पाटिल ने आरोप लगाया है कि तत्कालीन आरोग्य प्रशासन ने कोरेगांव पार्क में स्थित गोदाम में खड़े टेम्पो में इन दवाओं को रखा गया था. इस टेम्पो के पीछे के हौद में दो ताले लगे थे. इस कारण उन्हें इस टेम्पो पर संदेह हुआ. इसके बाद जब ताला तोड़ कर अंदर जांच की गई, तब करोड़ों की दवाओं के बर्बाद होने का पता चला.
इस मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग शरद बुट्टे-पाटिल ने की है.