– अगले साल होगी पहली डिलिवरी
– पिछले साल हुई थी 39 हजार करोड़ की डील
– भारत ने किया पेमेंट
– रूसी न्यूज एजेंसी ने की भुगतान की पुष्टि
मॉस्को (तेज समाचार डेस्क). केन्द्र भाजपा की सरकार आने के बाद से भी भारत अपनी सैन्य शक्ति को और अधिक मजबूत करने पर जोर दे रहा है. इसके लिए लगातार प्रयास भी किए जा रहे हैं. साथ ही मोदी सरकार हथियारों और आधुनिक टैक्नोलॉजी के लिए मेड इन इंडिया को पर भी जोर दे रही है. इसी श्रृंखला में भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डील की थी. इस डील के तहत भारत ने रूस को एडवांस पेमेंट कर दिया है. अब भारत को इस सिस्टम की पहली डिलिवरी अगले साल मिल जाएगी. अगले 6 सालों में यानी 2025 तक रूस भारत को सभी डिफेंस सिस्टम सौंप देगा. रूसी न्यूज एजेंसी ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की है.
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– विदेश मंत्री के मॉस्को दौरे के बाद सामने आई रिपोर्ट
यह रिपोर्ट भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के हालिया मॉस्को दौरे के बाद सामने आई है. यहां उन्होंने रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ लवरोव से मुलाकात की थी. रूस की फेडरल सर्विस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, भारत के साथ एस-400 के एडवांड पेमेंट का मुद्दा सुलझा लिया गया है. हालांकि, बयान में प्रोजेक्ट की तकनीकी जानकारी का खुलासा नहीं किया गया.
– जल्द डिलिवरी के लिए जल्द पेमेंट
रूस की रक्षा सहयोग एजेंसी के डिप्टी डायरेक्टर व्लादिमीर द्रोझझोव ने जुलाई में कहा था कि अगर रूस को 2019 के आखिर तक एडवांस पेमेंट मिल जाती है, तो 2020 तक भारत को पहला मिसाइल डिफेंस सिस्टम सौंप दिया जाएगा. पूरी डिलिवरी 2025 तक हो जाएगी.
– क्या है एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम?
एस-400 मिसाइल सिस्टम, एस-300 का अपडेटेड वर्जन है. यह 400 किलोमीटर के दायरे में आने वाली मिसाइलों और पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को भी खत्म कर देगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत और रूस के बीच यह समझौता 5.43 अरब डॉलर (करीब 39 हजार करोड़ रुपए) में की थी. एस-400 डिफेंस सिस्टम एक तरह से मिसाइल शील्ड का काम करेगा, जो पाकिस्तान और चीन की एटमी क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से भारत को सुरक्षा देगा. यह सिस्टम एक बार में 72 मिसाइल दाग सकता है. यह सिस्टम अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को भी गिरा सकता है. वहीं, 36 परमाणु क्षमता वाली मिसाइलों को एकसाथ नष्ट कर सकता है. चीन के बाद इस डिफेंस सिस्टम को खरीदने वाला भारत दूसरा देश है.