– दोनों बेटों को राजनीति की बजाए खेती करने की सलाह – शरद पवार ने परिवार में मतभेद से किया इन्कार – शरद पवार को इस्तीफे के बारे में नहीं बताया
पुणे (तेज समाचार डेस्क). राकां के वरिष्ठ नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार क्या राजनीति से संन्यास लेने वाले हैं? इसकी अटकलें शुक्रवार रात से लगने लगी हैं. शाम को अजीत पवार ने विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बांगडे को अपना इस्तीफा सौंप दिया. जिसे उन्होंने मंजूर भी कर लिया. पर अचरज की बात यह है कि इसके बारे में उन्होंने अपने चाचा व राकां सुप्रीमो शरद पवार को भी नहीं बताया. शरद पवार से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उनकी अजीत से कोई बात नहीं हो पाई है. और नहीं उनसे पूछकर उन्होंने ऐसा किया. उनका फोन नहीं लग रहा है. पिछले एक दिन से उनसे अजीत पवार की कोई बात नहीं हो पाई है. बारामती का दौरा छोड़कर शरद पवार अजीत को समझाने के लिए मुंबई की ओर रवाना हो गए हैं. ऐसा माना जा रहा है.
– पुणे में शरद पवार की प्रेस कॉन्फ्रेस
पुणे में प्रेस सम्मेलन में शरद पवार ने बताया कि शिखर बैंक घोटाले में शरद पवार का नाम आने से अजीत काफी दुखी थे. राजनीति के गिरते स्तर के चलते उन्होंने ऐसा कदम उठाया होगा.ऐसा अंदेशा शरद पवार ने जताया. जब उनसे पूछा गया कि क्या परिवार की अंत:कलह के चलते अजीत पवार ने राजनीति से ही संन्यास ले लिया है. इसपर पवार ने कहा कि इसबारे में वे कुछ नहीं कह सकते. अजीत से बात के बाद ही वे कुछ कह पाएंगे. पर उन्होंने कहा कि आज की राजनीति से नाराज अजीत ने अपने दोनों बेटों को राजनीति की बजाए खेती करने को कहा. जिससे इसे और बल मिला कि कहीं अजीत राजनीति से ही संन्यास तो नहीं ले रहे.
– परिवार में कलह से किया इन्कार
पवार खानदान में कलह से इंन्कार करते हुए शरद पवार ने बताया कि पवार परिवार में कोई मतभेद या मनमुटाव नहीं है. और होंगे तो भी पवार खानदान का मुखिया होने के नाते उनका शब्द अंतिम होगा.
– अजीत पवार ने नहीं उठाया फोन
उन्होंने कहा कि अजीत के संन्यास की बात जानने के बाद उन्होंने अजीत से संपर्क किया पर उनका फोन नहीं लगा. पर उनके लड़के पार्थ से उनकी बात हुई. जिसे पार्थ नहीं सही बताया. पिछले कुछ समय से पवार खानदान में मतभेद की चर्चा चल रही थी. अजीत पवार राकां के शिव स्वराज्य यात्रा के अंतिम चरणों में शामिल नहीं हुए थे, जबकि शरद पवार के साथ उनके पोते रोहित पवार ही साथ दिखाई पड़ रहे थे. मुंबई में भी शरद पवार के साथ अजीत नहीं थे.