ऑनलाइन होगी वाहनों की प्रदूषण जांच , नियमों का उल्लंघन करने पर केंद्र चालक पर होंगी कानूनी कार्यवाही :पवार
धुलिया (वाहिद काकर ) :नवंबर से परिवहन विभाग ने ऑफ लाइन वाहनों की प्रदूषण जांच पीयूसी प्रमाण पत्र पर प्रतिबंध लगा दिया है अगर किसी सेंटर चालक ने वाहन चालकों को ऑफलाइन प्रमाण पत्र दिया तो उस पर फ़ौजदारी प्रक्रिया के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी इस तरह का प्रावधान परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित किया है. धूलिया संभाग में पंजीकृत चालीस पीयूसी सेंटर में भी अभी तक मात्र आठ सेंटर चालकों ने उनके ऑफ लाइन पीयूसी सेंटरों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन उपडेट कराया है जिसके चलते कम संख्या में ऑनलाइन सेंटर होने से वाहन चालकों को भविष्य में समस्या निर्माण हो सकती हैं.
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वाहनों की प्रदूषण जांच अब ऑनलाइन होगी। जांच के दौरान केंद्रों पर लगी मशीनों में ऑपरेटर के द्वारा कोई छेड़छाड़ न हो और गलत प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र बने , इसको लेकर यह व्यवस्था की जा रही है। पीयूसी केंद्रों को सीधे वाहन सॉफ्टवेयर से जोड़कर ऑनलाइन किया जाएगा।
ऑनलाइन व्यवस्था हो जाने से पीयूसी केंद्रों की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी। ये मशीनें केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से अनुबंधित कंपनियां ही उपलब्ध कराएंगी। इन मशीनों का संचालन वाहन सॉफ्टवेयर से होगा। पीयूसी केंद्र के स्तर पर मशीन की रिपोर्ट में कुछ भी छेड़छाड़ नहीं हो सकेगा। पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों के साइलेंसर में सेंसर युक्त यंत्र लगा कर धुएं से विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से प्रदूषण की गणना करते हुए कुछ ही क्षण में रिपोर्ट जारी हो जाएगी।
परिवहन विभाग की ओर से पीयूसी संचालकों को पीयूसी केंद्रों से संबंधित सभी को पीयूसी सॉफ्टवेयर से संबंधी ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी दिया जा चुका है। 1 नवंबर से ऑफलाइन प्रमाण पत्र बंद कर दिए गए हैं सेंटर चालकों ने पीयूसी का ऑफ़ लाइन पत्र दिया तो पहले चरण में एक महीने तक पीयूसी केंद्र को सस्पेंड करने का प्रावधान है और 18 अक्टूबर से पहले ऑफ़ लाइन जारी किए पीयूसी प्रमाण पत्र वैध माने जाएंगे तथा 19 अक्टूबर से जारी पीयूसी सर्टिफिकेट अमान्य होंगे और ऐसे केंद्र चालक के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएंगी.
जयदीप पवार
उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी,धुलिया