देश में दुष्कर्म की घटनाएं लगातार हो रही हैं. दरिंदे, हैवानियत की सारी हदें पार कर रहे हैं. कोई युवती हो या मासूम बच्ची, ये नरपिशाच किसी को नहीं छोड़ रहे हैं. रेप के बाद लड़की की गला दबाकर या पत्थरों से कुचलकर उसकी हत्या कर देना ….और फिर उसकी लाश जला देना ….बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. देश के हर हिस्से में निरंतर ऐसी आपराधिक घटनाओं के बढ़ने से लोगों में गुस्सा है, आक्रोश है. ऐसी हर घटना के बाद लोग सड़कों पर उतरते हैं, कैंडल मार्च निकालते हैं, विरोध-प्रदर्शन करते हैं. दो-चार दिनों तक यह सिलसिला चलता है …और फिर समय के साथ खत्म हो जाता है. न्याय-प्रक्रिया बहुत धीरे-धीरे चलती है, ….इसलिए बरसों बाद हुआ न्याय भी न्याय नहीं लगता.