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मुंबई आतंकी हमले को ‘हिन्दू आतंकवाद’ के रूप में प्रचारित करने की थी गहरी साजिश

Tez Samachar by Tez Samachar
February 18, 2020
in Featured, मुंबई
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मुंबई आतंकी हमले को ‘हिन्दू आतंकवाद’ के रूप में प्रचारित करने की थी गहरी साजिश

मुंबई आतंकी हमले को ‘हिन्दू आतंकवाद’ के रूप में प्रचारित करने की थी गहरी साजिश

नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क): आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई आतंकी हमले को ‘हिन्दू आतंकवाद’ के रूप में प्रचारित करने के लिए गहरी साजिश रची थी तथा पकड़े गए जिन्दा आतंकी कसाब का नाम समीर दिनेश चौधरी दिया था।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश मारिया ने हाल में प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘लेट मी से इट नाउ’ (अब मुझे अपनी बात कहनी है) में यह सनसनीखेज खुलासा किया है। लश्कर-ए-तैयबा ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में  हुए  हमले में शामिल सभी 10 आतंकवादियों को हिन्दू नाम वाले परिचयपत्र दिए थे। हमले में जिन्दा पकड़े गए कसाब का नाम समीर दिनेश चौधरी रखा गया था और उसके निवास का पता बेंगलुरु था। हमलावरों को हिन्दू साबित करने के लिए उनके दाहिने हाथ की कलाई में लाल धार्मिक धागा (कलावा) बांधा गया था।
लश्कर-ए-तैयबा ने पकड़े गए जिन्दा आतंकी कसाब का नाम रखा था समीर चौधरी : पूर्व पुलिस आयुक्त
मारिया के अनुसार साजिश यह थी कि जब सभी आतंकी मार दिए जाएं तो मीडिया के जरिये यह प्रचार कराया जा सके कि यह हिन्दू आतंकवादी हमला था। मारिया के अनुसार यदि कसाब ज़िंदा नहीं पकड़ा जाता तो मुंबई पर हिन्दू आतंकी हमला होने की बात प्रचरित की जाती। टेलीविज़न चैनल के पत्रकार बेंगलुरु जाकर ‘समीर चौधरी’ के परिवार वालों और पड़ोसियों से इंटरव्यू लेने लगते लेकिन यह साजिश सफल नहीं हुई और पाकिस्तान के फरीदकोट जिले का अजमल आमिर कसाब ज़िंदा पकड़ लिया गया।
पूर्व पुलिस आयुक्त ने मुंबई पुलिस के सिपाही तुकाराम ओम्बले की प्रशंसा करते हुए कहा की उसने अपनी जान गवां कर कसाब को ज़िंदा पकड़े  जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मारिया ने पूरे प्रकरण में केंद्र सरकार की एजेंसियों की भूमिका पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों को ओर से हाथ में कलावा पहने आतंकवादियों की तस्वीरें मीडिया में जारी की गयीं जबकि मुंबई पुलिस हमले के बारे में गोपनीय सूचना देने से बच रही थी। उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि पाकिस्तांन की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा ने जेल में कसाब को मारने की साजिश भी रची थी। माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम को कसाब को मारने का काम सौंपा गया था। मुंबई पुलिस के लिए जेल में कसाब की सुरक्षा करना बड़ी चुनौती थी।
उल्लेखनीय है कि मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में हुए इस आतंकी हमले के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने हमले को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर उंगली उठाई थी। दिग्विजय सिंह और फिल्म निर्माता महेश भट्ट ने एक पुस्तक ‘26/11 आरएसएस की साजिश’ के विमोचन समारोह में भाग लिया था। एक उर्दू पत्रकार ने अपनी इस पुस्तक में मुंबई हमले के लिए हिन्दू संगठन को जिम्मेदार ठहराया था। तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम ने भी संसद के अंदर और बाहर ‘हिन्दू आतंवाद’ की बात कही थी।
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