देश-विदेश में ‘कोरोना’ से हाहाकार मचा हुआ है. इस महामारी ने आम आदमी का जीना दुश्वार कर दिया है. इसका वायरस अब राजनीति में भी घुस गया है. देश की 135 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी भी इससे संक्रमित हो गई है. जाहिर है, इस महामारी का कोई इलाज किसी को नहीं मिल रहा है. सियासी गलियारों में इस पर खूब चर्चा हो रही है कि जब-जब कांग्रेस के हाथ से सत्ता छूटती है, तब-तब कांग्रेस टूटती-बिखरती है. दरअसल, कांग्रेस को ‘सत्ता का फेविकोल’ ही जोड़े रखता रहा है. अब सत्ता के इसी फेविकोल को ‘कोरोना’ हो गया है. इसीलिए वह कोमा में दिख रही है. सब कहते हैं कि कांग्रेस को अच्छे इलाज और बड़ी सर्जरी की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आगे भी ‘सिंधिया’ जैसे प्रकरण देखने-सुनने मिलेंगे.