पुणे (तेज समाचार डेस्क). कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई ‘जनता कर्फ्यू’ की अपील का व्यापक प्रभाव रविवार देखने को मिला. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर रविवार को सुबह सात बजे से ही पूरा शहर सन्नाटे के आगोश में खो गया. फिर चाहे वह शहर के व्यस्ततम इलाके स्वारगेट, डेक्कन, एफसी रेाड, शिवाजी नगर हो, या फिर मार्केट यार्ड, लक्ष्मी रोड, अलका चौक हो,सभी जगह पर सन्नाटा छाया रहा. सभी लोगों ने स्वयं को अपने परिवार सहित घरों में बंद कर लिया था. यहां तक कि सोसाइटियों में भी लोग एक दूसरे से मिलने नहीं निकले. यही हाल झोपड़पट्टी परिसरों में भी देखने को मिला, जहां लोग घरों में ही सिमटे रहे.
– जनसेवकों के प्रति आभार
पूरा दिन घर पर व्यतीत करने के बाद यानी एक प्रकार से लोगों ने स्वयं को अपने ही घर में ‘कॉरंटाइन’ करने बाद शाम को ठीक पांच बजे अपने घरों से बाहर निकल कर, अपने घर की गैलरी, छत, सोसाइटी परिसर आदि में ताली, थाली, शंख, बिगुल, घंटी, घंटा आदि बजाकर नाद किया. इस दृश्य ने कुछ सालों पहले की याद को ताजा कर दिया, जब लोग शाम के समय मंदिरों में जमा हो कर शंख, घंटा और ताली बजा कर आरती किया करते थे. हालांकि रविवार को जो ध्वनि नाद किया गया वह उन लोगों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए था, जो लोग कोरोना वायरस के संकट के समय आम लोगों की सेवा में दिन-रात जुटे हुए हैं. हमारी पुलिस, डॉक्टर्स, नर्स, वॉर्ड बॉय, एम्बूलेंस, मीडिया कर्मी, सफाई कर्मी, इस विकट स्थिति में भी लोगों को राशन, दूध आदि उपलब्ध करानेवाले, रेलवे विभाग आदि के लिए यह ध्वनी नाद किया गया था.
– लोगों मन से कम हुआ डर
विशेष बात यह रही कि राजनीति से प्रेरित बंद के दौरान राजनीतिक पार्टियों के साथ मिल कर असामाजिक तत्व जबरन बंद कराते हुए आपने अक्सर देखे होंगे, लेकिन विश्व में हाहाकार मचानेवाले कोरोना वायरस के खिलाफ छिड़ी जंग में इस वायरस को खत्म करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक प्रयास के रूप में घोषित किए गए ‘जनता कर्फ्यू’ को लोगों का इतने विशालस्तर पर प्रतिसाद मिलना आश्चर्यचकित कर देनेवाला था. इसके साथ ही ठीक शाम पांच बजे लोगों द्वारा किए गए ध्वनी नाद का दृश्य काफी रोमांचक और सुखद था. इस ध्वनि नाद ने लोगों को कोरोना वायरस के प्रति पैदा हुए डर को कुछ हद तक दूर करने में सफलता पाई है.