नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय में डिसइंफेक्टेंट टनल बनायी गई
नोएडा (तेज समाचार डेस्क): नोएडा प्राधिकरण के सेक्टर 6 एवं सेक्टर 39 स्थित कार्यालय में डिसइंफेक्टेंट टनल बना दी गई है। दोनों कार्यालयों में आने वाले अधिकारी, कर्मचारी एवं अन्य आगंतुकों को इस टनल से होकर गुजरना होगा तभी वह कार्यालय में प्रवेश कर सकते हैं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने गुरुवार को बताया कि डिसइंफेक्टेंट टनल सेक्टर 6 एवं 39 स्थित कार्यालय में बनायी गई है। इसका शुभारंभ गुरुवार को ही किया गया है। डिसइंफेक्टेंट एक ऐसा एंटी बैक्टेरियल सॉल्यूशन होता है जो लगभग शतप्रतिशत जर्म्स, बैक्टीरिया एवं वायरस से होने वाले संक्रमण के प्रभाव को रोकने में सहायक है। उन्होंने कहा कि अब से कार्यालयों में आने वाले अधिकारी, कर्मचारी एवं अन्य आगंतुकों को इस टनल से होकर गुजरना होगा तभी वह कार्यालय में प्रवेश कर सकते है।
कैसे काम करता है डिसइनफेक्टेंट टनल ?
डिसइंफेक्टेंट टनल में डिसइंफेक्टेंट स्प्रे लगे होते हैं जिसमें एंटी जर्म्स, बैक्टीरिया एवं वायरस का घोल होता है। जब व्यक्ति उसमें से गुजरता है तो वो स्प्रे जर्म्स, बैक्टीरिया एवं वायरस से होने वाले संक्रमण के प्रभाव को रोकता है। इस टनल में सोडियम हाइपोक्लोराइट का सॉल्यूशन होता है जो एक कुहासा बनाता है।
इस से पहले कहां-कहां लगाया है डिसइंफेक्टेंट टनल ?
नोएडा से पहले तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दो पाहिया वाहनों के लिए डिसइंफेक्टेंट टनल स्थापित किया गया था। मदुरवायल में दो-पहिया ड्राइवरों के लिए यह डिसइंफेक्टेंट टनल बनाए गए हैं, ताकी कोविड 19 के संक्रमण को रोका जा सके। इसके साथ ही कलकत्ता, बिहार, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना में भी यह टनल काम कर रहा है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साफ किया है कि यह बस एक ऑप्शन के रूप में काम करता है। कोरोना से बचने के अन्य जो उपाय सुझाए गए है वहीं अधिक कारगर है।