औरंगाबाद (तेज समाचार डेस्क). कोरोना संक्रमण के चलते सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन में हर गरीब व जरुरतमंदों को मदद पहुंचाने का काम गत तीन सप्ताह से शिवसेना, भाजपा,एनसीपी व अन्य दलों द्वारा जारी है. परंतु, सालों तक सत्ता का सुख भोगने के बावजूद संकट की इस घड़ी में कांग्रेस नेता व पदाधिकारी गरीब व जरूरतमंदों को मदद करने से भागकर जनता से मुंह छुपा रहे हैं. सालों तक सत्ता का सुख भोगने के बावजूद कांग्रेस नेता मदद के लिए आगे ने आने से यह साफ हो रहा है कि उन्हें जनता के दु:ख दर्द से कोई लेना देना नहीं है.
– कांग्रेस की टास्क फोर्स में दो स्थानीय नेताओं का समावेश
शहर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में पूर्व विधायक सुभाष झांबड, पूर्व विधायक डॉ. कल्याण काले, प्रदेश अल्पसंख्याक विभाग के अध्यक्ष एमएम शेख, सेना से कांग्रेस में आकर शहराध्यक्ष बने नामदेव पवार, वर्तमान प्रभारी जिलाध्यक्ष अनिल पटेल के अलावा कई वरिष्ठ नेता है. हाल ही में कांग्रेस आलाकमान ने लोगों को मदद पहुंचाने के लिए राज्यस्तर पर एक टास्क फोर्स का गठन किया है. इस टास्क फोर्स में कांग्रेस से दो बार विधायक रहें डॉ. कल्याण काले, पूर्व विधायक सुभाष झांबड व वरिष्ठ नेता प्रकाश मुगदिया को शामिल किया है. प्रदेशाध्यक्ष बालासाहाब थोरात ने इन तीनों नेताओं को अपने जिले में बड़े पैमाने पर गरीबों व जरुरत मंदों को मदद करने का आवाहान किया है. शहर में गत तीन सप्ताह से लॉकड़ाउन जारी है. इन तीन सप्ताह में गरीबों व जरुरत मंदों को मदद करने में ना पूर्व विधायक सुभाष झांबड, अनिल पटेल, एमएम शेख, नामदेव पवार और ना ही डॉ. कल्याण काले जैसे वरिष्ठ नेता आगे आए.
– तीन सप्ताह बाद ली अंगडाई
लॉकडाउन गत तीन सप्ताह से जारी है. अन्य लगभग सभी दलों के नेताओं व पदाधिकारियों ने पहले दिन से लोगों को मदद पहुंचाने का काम शुरू किया है. जिससे आज जिले के हजारों गरीब लोग अपना पेट भर रहे है. आश्चर्य करनेवाली बात यह है कि लॉकडाउन के तीन सप्ताह बाद कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुधवार शाम संपन्न हुई. जिसमें लोगों को मदद करने का नियोजन करने का दावा शहराध्यक्ष नामदेव पवार ने किया.
– हम भी मददगारों में शामिल
संकट की इस घडी में कांग्रेस नेता तमाशाबिन बनकर गरीबों को मदद करने से कन्नी काट रहे है. कांग्रेस के शहराध्यक्ष नामदेव पवार से संपर्क कर पार्टी द्वारा गरीबों को मदद करने के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि कांग्रेस शहर जिला कमेटी द्वारा करीब 5 हजार लोगों को फूड के पाकिट वितरित किए गए. मंगलवार को 700 परिवारों को जरुरी सामग्री के कीट बांटे गए. उधर, कांग्रेस के प्रभारी जिलाध्यक्ष अनिल पटेल जो पूर्व मंत्री भी रहे चुके है, उनसे संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि हम ग्रामीण क्षेत्र में मदद जारी रखें हुए है और अधिक मदद करने के नियोजन के लिए हमारी अभी एक बैठक हुई. पार्टी के उन दोंनो पदाधिकारियों के जवाब से यह साफ है कि संकट की इस घडी में कांग्रेस की मदद ऊंट के मूंह में जीरा जैसी है.
– कांग्रेस नेता नॉट रिचेबल
इधर, कांग्रेस के पूर्व शहराध्यक्ष इब्राहिम पठाण से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से मदद के लिए एक नियोजन होना जरूरी था. परंतु, क्या नियोजन हो रहा है, तथा पार्टी द्वारा स्थानीय स्तर पर लोगों के मदद के लिए क्या निर्णय लिए जा रहे, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है. उधर, नवभारत ने कांग्रेस नेता सुभाष झांबड, डॉ. कल्याण काले से संपर्क करने का प्रयास किया, परंतु, उन नेताओं ने फोन रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा.
– अन्य दलों के नेता दिन रात जुटे मदद में
उधर, एमएम शेख का फोन स्वीच ऑफ आया. इन नेताओं को पता है कि वे जनता की मदद करने के बजाए अपने घरों में रहने को तरजीह दे रहे है. यह बात अलग है कि प्रदेश अल्पसंख्याक विभाग के अध्यक्ष एम एम शेख की तबीयत खराब है. वे आज कल पार्टी की गतिविधियों से दूर है. परंतु, यह तय है कि वे भी गरीबों को मदद कर सकते है. इधर, शिवसेना नेता चन्द्रकांत खैरे, विधायक अंबादास दानवे, विधायक संजय सिरसाठ, विधायक प्रदीप जैसवाल, भाजपा के शहराध्यक्ष संजय केणेकर, जिलाध्यक्ष विजय औताड़े के अलावा कई अन्य दलों के नेता संकट की इस घडी में जरुरत मंदों को अब तक लाखों रुपए की मदद कर चुके है.
– पूर्व मंत्री भी फरमा रहे आराम
कांग्रेस में ऐसे कई नेता हैं, जो सत्ता में न रहने के बावजूद इससे अधिक लोगों को मदद पहुंचा सकते है. औरंगाबाद में एक पूर्व मंत्री भी है, जिन्होंने सरकार में रहते हुए जम कर सत्ता का सुख भोगा. लेकिन अब वे कोरोना संक्रमण की इस मुसीबत की घड़ी में अपनी लाडली जनता को किस्मत के हवाले छोड़ न जाने कहां आराम फरमा रहे हैं., स्थानीय स्तर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में कोई तालमेल न होने से आज कांग्रेसी संकट की इस घडी में लोगों को मदद करने से मूंह छिपा रहे हैं.