‘तबला’ एक वाद्ययंत्र है. इसे बड़े-बड़े समारोहों में बजाया जाता है, लेकिन लॉकडाउन में सार्वजनिक रूप से तबला बजाने पर पाबंदी है. फिर भी देशभर में कई तबलची नियम-कानून की धज्जियां उड़ाकर जहां देखो वहां तबले बजा रहे हैं. इन तबले वालों में कई ‘जमानती’ भी हैं, जो भारत के लिए अब बला बन गए हैं. इससे कोरोना से युद्ध लड़ने वालों को मुश्किलें हो रही हैं. महाराष्ट्र का नागपुर हो या मध्यप्रदेश का इंदौर, राजस्थान का टोंक हो या उत्तरप्रदेश का मुरादाबाद और बरेली, जम्मू-कश्मीर का बारामुला हो या बिहार का औरंगाबाद और दरभंगा,… हर जगह ये तबले वाले पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों को ठोक-बजा रहे हैं. इन हमलावर-हरामखोरों की सर्वत्र निंदा हो रही है. आखिर ये तबले वाले कौन हैं, जो देश का भला नहीं चाहते? अब पुलिस इनको पकड़-पकड़ कर बजा रही है. तो कई की भृकुटियां भी तन गई हैं.